हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : सीटू की राष्ट्रीय कमेटी के आह्वान पर मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के रूप में आर्थिक एमरजेंसी के खिलाफ जिला कमेटी द्वारा जिला मुख्यालय के गांधी चौक पर जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। केंद्र सरकार के नोटबंदी के खिलाफ तुगलकी फरमान से मजदूरों, महिलाओं, दुकानदारों एवं उद्योगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। दुनिया में किसी भी देश में इस तरह की आर्थिक एमरजेंसी नहीं लगाई गई। कालाधन निकालने के नाम पर गरीब जनता मजदूरों व दुकानदारों से सारा पैसा बैंकों में जमा करवा दिया है और सरकार ने अपना ही पैसा निकालने के लिए 2 हजार रुपए की सीमा तय कर दी, हालांकि वह अब 4500 रुपए हो गई है।
केंद्र सरकार के नोटबंदी से कालाधन के 93 लाख करोड़ में से केवल 1 प्रतिशत से भी कम सरकार वसूल पाई है। कालेधन में से कुछ धन तो भाजपा के नेताओं और उनके समर्थकों के पास ही मिला है। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से उद्योगों के उत्पादन और मजदूरों की नौकरी पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। देशभर में उद्योगों में लाखों मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। सीटू ने सरकार द्वारा जनवरी माह से ए.पी.एल. परिवारों के लिए आटा न देने के फैसले का भी विरोध किया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता को बहुत कठिनाई होगी।
सीटू राज्य कमेटी मनरेगा मजदूरों को प्रतिमाह वेतन देने की मांग करती है। वर्तमान में मनरेगा मजदूरों को लगभग 3 माह से वेतन नहीं मिला है। सीटू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि आम जनता को बैंकों से अपना पैसा निकालने की सीमा को समाप्त किया जाए। मजदूरों के इस प्रदर्शन को सीटू राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर ठाकुर, सीटू जिलाध्यक्ष प्रताप राणा, जिला सचिव जोगिंद्र ठाकुर, निरंजन शर्मा, नौजवान सभा अध्यक्ष अनिल मनकोटिया, सीटू संयुक्त सचिव सुरेश कुमार, निर्माण मजदूरों के नेता धर्म सिंह व मंजना शर्मा ने संबोधित किया एवं नोटबंदी के निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया।