शिलाई (एमबीएम न्यूज) : झंकाडो पंचायत के सुंदर सिंह की मौत 23 जनवरी 2011 को हुई। घर से जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए रणजीत सिंह नेगी के जश्र में शामिल होने निकले थे। 3 दिन बाद परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। 23 फरवरी 2011 को सुंदर सिंह का शव मीनस नदी के समीप जामली में बरामद किया गया। मौत की वजह डूबना बताया गया। लेकिन साढे 5 साल बीत जाने के बाद भी परिवार डूबने की दलील से इत्तफाक नहीं रखता है। स्व0 सुंदर सिंह के बेटे बलदेव ने फिर शिलाई पुलिस से जांच की गुहार लगाई है।
परिवार का आरोप था कि इस वारदात को सोची समझी रणनीति के तहत अंजाम दिया गया। क्योंकि गांव में आपसी रंजिश चली हुई थी। इस वारदात के फौरन बाद एक व्यक्ति को कुछ लोगों ने गांव छोडने पर मजबूर कर दिया। जिसका नाम राकेश है जो मिस्त्री का कार्य करता था। परिवार का अब भी यही आरोप है कि घटना के वक्त व्यक्ति मौके पर मौजूद था। संभवत: सबूतों को मिटाने के मकसद से ही व्यक्ति को गांव छोडने पर मजबूर किया गया। अब तक पुलिस उस शख्स को नहीं तलाश सकी है।
बलदेव सिंह का कहना है कि आला अधिकारियों से भी इस बारे में संपर्क साधा गया है। बलदेव ने कहा कि 3 अक्तूबर 2016 को भी इस मसले पर थाना शिलाई में मामले से जुडी जानकारी हासिल करने के लिए आवेदन किया गया ताकि परिवार को मौजूदा स्थिति पता चल सकें। बलदेव सिंह ने सवाल उठाया है कि अगर केस बंद कर दिया गया है तो इसकी वजह क्या है। बलदेव का आरोप है कि इस केस से जुडी जानकारी परिवार को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।