नालागढ़ (एमबीएम न्यूज़) : ओद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की मानपुरा नदी में दर्जनों फैक्टरियों के कैमिकल युक्त गंदा पानी वेखौफ छोडे जाने के कारण नदी का पानी पूरी दूषित हो हया है पानी के दूषित होने के कारण चनाल माजरा, मानपुरा, किशनपुरा, अन्य कई गांवों के लोग जहां भयकर बिमारियों की चपेट में आ रहे है, वही किसानों की सैंकडो बीघा जमीन भी बंजर हो गई है।
इस जहरीले पानी को पीकर दर्जनों पशु मर चुके हैं। बार-बार स्थानीय प्रशासन व प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड बद्दी से तीन वर्ष से गुहार लगाने के बाद भी ग्रामीणोंं को इस गंभीर समस्या से निजात नहीं मिल पाई है। अब स्थानीय लोगों ने हिमाचल सरकार से मांग की है कि इन प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरियों को जल्द से जल्द बंद करवाने की ग्रामीण सरकार से मांग कर रहें है। ग्रामीणों ने सरकार व विभाग को चेतावनी देकर कहा है कि अगर उनकी यह समस्या हल न कि गई तो वह मजबूरन इकटठे होकर सरकार के खिलाफ आन्दोलन का रास्ता अपनाएगें।
इस बारे में जब हमने स्थानीय लोग जीतो, इकबाल, गुलजार मोहम्मद से बात की तो उन्होंने बताया कि बीबीएन में औद्योगिकरण होने से लोगों को रोजगार तो मिला, लेकिन इन फैक्टरियों से निकलने वाले प्रदूषण से लोग परेशान हैं। उन्होनें बताया कि अगर मानपुरा नदी की बात की जाए तो उसका पानी वह खुद पीने में इस्तेमाल करते थे और पशुओ को भी पिलाते थे, लेकिन आज आलम यह है कि अगर इस काले पानी में से वह निकलते भी है तो उन्हें चरम रोग और कई तरह की घातक बीमारियां हो रही है और उनकी उपजाऊ भूमि भी बजर होती नजर आ रही है।
विश्व के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना चुके बद्दी, बरोटीबाला, नालागढ में औद्योगिकरण हुआ है औद्योगिकरण तो हुआ है, लेकिन इसके साथ-साथ एक कडवा सच यह भी है यहां प्रदूषण की भी समस्याएं बढी है। इस बारे हमने विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के बात की तो उनका यही कहना था कि अगर यही आलम रहा प्रदूषण का तो आने वाली पीढियां जन्म से ही अपंग पैदा होंगी। अब देखना होगा कि क्या सरकार इस गंभीर समस्या के बारे मे कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं ।