कुल्लू (एमबीएम न्यूज़) : बंजार उप मंडल के तहत आने वाली गोपालपुर तथा थाटिवीड पंचाय
त के लगभग 60 गांव के लोगों को उनके घर तक पंहुचने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताते चलें कि इन पंचायतों के लिए शाम के समय केवल एक ही बस जाती है, जिसमें स्कूल तथा काजेल के छात्र नौकरी पेशा तथा बीमार लोगों को हर रोज घर पंहुचना होता है किन्तु हर रोज बस में स्वारियां इतनी ज्यादा होती है कि कुछ कहा नहीं जा सकता शनीवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
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यात्रियों से खचाखच भरी बस जब बंजार से मंगलौर पंहुची तो कई यात्री महिलाओं और बच्चों का दम घुटने लगा और मंगलौर में भी दर्जनो सवारियों ने बस में चढना था। किन्तु हालत इतने नाजुक हो गए कि बस को वहीं रोक देना पड़ा, किन्तु लोगों ने जब हो हल्ला शुरू किया तो जैसे-कैसे बस को आगे चलाया गया, किन्तु कुछ कदम चलने पर ही कई महिलांए तथा बच्चों का बस के भीतर दम घुटने लगा और उन्होंने चलती बस से ही छलांगे लगानी शुरू कर दी।
ऐसे में जब चालक ने बस को रोक लिया तो दर्जनों यात्रियों ने सड़क में ही चक्का जाम करने का फैसला ले लिया और वहीं सडक पर ही बैठ गए तथा सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ जी भर कर अपना गुस्सा निकाला। वहीं गोपालपुर पंचायत के प्रधान राजकुमार, उप प्रधान सेसराम, थाटिवीड़ पंचायत के प्रधान ठाकरी देवी, उप प्रधान प्रेम सिहं, तथा पंचायत समिती सदस्य सुदर्शना ठाकुर ने कहा कि इन दो पंचायतों के लगभग 60 गांव के लिए शाम तथा सुबह के समय एक ही बस बंजार जौरी जाती है जिसमें इतने लोगों का बैठ पान मुश्किल हो जाता है।
उन्होने कहा कि वे कई बार इस विषय को लेकर सरकार तथा प्रशासन से मांग कर चुके हैं किन्तु कहीं पर भी उनकी आवाज सुनी नहीं जा रही है। और हर रोज सुबह तथा शाम के समय सैकड़ों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उन्होने कहा कि इन गांव के लोग हर रोज स्कूल कॉलेज, अस्पताल तथा अपने जरूरी कार्य के लिए बंजार जाना पड़ता है और हर रोज जाते समय तथा आते समय जहां लोगों को सफर करने में भारी परेशानी होती है ।
वहीं बस में ओवरलोडिंग की वजह से कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है किन्तु सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन उनकी मांग पर कोई भी गौर नहीं कर रहा है। साथ ही इन्होने कहा कि यदि एक माह के भीतर इन पंचायतों के लिए अतिरिक्त बस नहीं लगाई गई तो वे मंगलौर में बैठ कर ही चक्का जाम करेगें और तब तक नहीं उठेंगे, जब तक बस का प्राबधान नहीं होता ।