धर्मशाला (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश के कृषि एवं ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया के चुनावी क्षेत्र फतेहपुर के तहत रैहन का किसान भवन उदघाटन का इंतजार करते गंदगी और जुए का अड्डा बन गया है। किसान भवन का शिलान्यास दस बरस पहले भाजपा शासन के दौरान 14 दिसंबर 2002 को मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था। मगर इन चौदह बरसों में इसको शुरू करने के लिए, यहां के किसानों को एक अदद नेता तक नही मिला।
नतीजतन किसान भवन न सिर्फ जर्जर हो गया, बल्कि इन दिनों यह जुआरियों का पंसदीदा स्थल बना हुआ है। दरअसल जिस वक्त इस ईमारत की नींव पत्थर रखा गया था, उस दौरान रैहन का इलाका नूरपुर हलके के दायरे में था। मगर 2003 में सत्ता परिवर्तन के बाद धीमी गति से इसका निर्माण चलता रहा। बाद में जब दोबारा भाजपा सरकार बनी तो पुनर्सीमांकन के चलते जब रैहन की तकरीबन एक दर्जन पंचायतों को फतेहपुर चुनाव क्षेत्र में मिलाने की बात सामने आ गई। नतीजतन नूरपुर के नेताओं की इस भवन के प्रति दिलचस्पी खत्म हो गई और दो हलकों की राजनीति में किसान भवन गंदगी और की भेटं चढऩे के साथ जुए बाजों के कब्जे में हो गया।
फतेहपुर हलके के भाजपा नेता और पिछड़ा वर्ग के प्रदेश उपाध्याक्ष ओम प्रकाश चौधरी का कहना है कि भवन की खिड़कियां टूट चुकी है और सही रखरखाव नही होने से यह दिनों दिन कमजोर होता जा रहा है। चौधरी का कहना है कि भाजपा सरकार के विकास के इस काम का कांग्रेस सरकार निरादर कर रही है। चौधरी की दलील है कि यदि कृषि मंत्री पठानिया भी इस भवन का उदघाटन नही करना चाहते तो सही इस्तेमाल के लिए किसान भवन को रैहन पंचायत को ही सौंप दिया जाए।