शिमला (शैलेंद्र कालरा) : हिमाचल की राजनीति हमेशा बडे नेताओं की टोपियों को लेकर सरगर्मी पैदा करती रही है। यहां सत्ता बदलते ही सतारूढ पार्टियों के आला नेताओं की टोपियों के साथ अधिकारी व कर्मचारियों की टोपी के रंग भी बदल जाते हैं। मंडी में मंगलवार को आयोजित प्रधानमंत्री की रैली में यह सब देखने को मिला।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर भी अपने स्वागत की तस्वीरें शेयर की हैं। इसके कमेंट बॉक्स में भी टोपी को लेकर यही प्रतिक्रिया आ रही हैं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रधानमंत्री को अपने घर में अपने ही रंग में रंग दिया। एक ने कहा कि शायद टोपी के रंग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को गुस्सा आ रहा है, क्योंकि इस तस्वीर में पूर्व सीएम के भाव गुस्से वाले लग रहे हैं।
प्रदेश के वर्तमान कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एक कुशल राजनीतिक मंझे हुए खिलाडी की तरह प्रधानमंत्री को हरी बुशहरी टोपी पहनाकर भाजपा के समर्थकों को भी तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। हालांकि बाद में मोदी ने भाजपा के एक धडे द्वारा पहने जाने वाली कुल्लवी टोपी में जनता को संबोधित किया।
संबोधन के अलावा पूरे समय तक वह कुल्लवी टोपी में ही नजर आए। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनके समर्थकों को इससे जरूर झटका लगा होगा। क्यो कि मोदी ने रेली के दौरान पूरे समय धूमल व उनके गुट द्वारा पहने जाने वाली महरून टोपी से परहेज किया।
क्या है हिमाचल की सियासत में टोपियों का महत्व?
हिमाचल में हरे रंग की बुशहरी टोपी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके समर्थकों की विशेष पहचान है। सत्ता में हो या सत्ता से बाहर कांग्रेसी हरी बुशहरी टोपी पहनने को ही तरजीह देते है। वही पूर्व मुख्यमंत्री धूमल व उनके समर्थक महरून पटी वाली टोपी पहननी पसंद करते हैं। भाजपा का एक धडा पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के समय से ही कुल्लवी टोपी पहनते हैं। नडडा गुट भी कुल्लवी टोपी को तरजीह देता है।
हिमाचल की राजनीति में कांगडा से पूर्व सैनिक नेता रहे विजय सिंह मनकोटिया ने एक अलग टोपी पहनकर अपनी पहचान बनाने की कोशिश की थी। किश्ती टाईप की यह टोपी हिमाचल की राजनीति में ज्यादा हिट नही हो पाई। यहां तक की उनके ग्रह क्षेत्र कांगडा में भी इस टोपी को लोगों ने सिरे से नकार दिया।
वैसे हिमाचल कई पूर्व नेता जिनमें डा वाई एस परमार गांधी टोपी पहनते थे। वही पूर्व मंत्री व दिग्गज कांग्रेस नेता व दिवंगत जे बिहारी लाल खाची व अजय बहादुर गौरखाली टोपी पहननी पसंद करते थे।