मंडी (वी कुमार) : वीरभूमि मंडी में शहीद स्मारक के निर्माण में जो विलंब हो रहा है, वह एक अजीब विडंबना है। शहीद स्मारक का निर्माण आखिर राज्य सरकार क्यों नहीं करवाना चाहती। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को लिखे एक पत्र में सांसद रामस्वरुप शर्मा ने यह शब्द कहे हैं। उन्होंने कहा कि वीरभूमि हिमाचल का शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा, जिसका एक या एक से अधिक सदस्य सशस्त्र सेना में सेवारत न हो। प्रदेश के फौलादी गबरुओं ने जब भी देश पर संकट आया है तो अपने प्राणों की आहूति हंसते हुए दी है।
जिला कांगड़ा के बाद जिला मंडी एक ऐसा क्षेत्र है जहां सैनिक और उनके परिवारों का बाहुल्य है। मंडी का इतिहास रहा है कि आजादी की जंग से लेकर देश सेवा में मंडी के गबरुओं ने अहम भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता आंदोलन में रानी खैरगढ़ी, स्वतंत्रता सेनानी भाई हिरदा राम, जवाहर सिंह जिन्होंने देश को आजाद करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई उनका भी सरकार आज तक कोई शहीद स्मारक नहीं बना पाई।
इसके अलावा कारगिल युद्ध में हिमाचल के 53 शहीदों में 10 शहीद जिला मंडी से थे। मणिपुर में हुई आतंकी घटना में तीन शहीद मंडी से थे, परंतु अजीब विडंबना है कि सरकार पैसा होने के बावजूद भी शहीद स्मारक नहीं बनाना चाहती। गत वर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शहीद स्मारक बनाने के लिए पर्याप्त धनराशि देने का ऐलान किया था मगर सरकार व जिला प्रशासन आज तक उसकी डीपीआर ही नहीं बना सका।
सांसद राम स्वरूप शर्मा का कहना है कि शहीद स्मारक के निर्माण के लिए सांसद होने के नाते वह तीन बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शहीद स्मारक निर्माण के बारे में बता चुके हैं मगर सरकार की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि शहीद स्मारक के निर्माण कार्य को तीव्र गति से आरंभ करें और उन वीर सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजली दी जा सके जिन्होंने देश को अपना सब कुछ सौंप दिया है।