नाहन (एमबीएम न्यूज) : सोचिए, 1300 रुपए प्रतिमाह की पगार में घर कैसे चलेगा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में लगभग आठ सालों से पार्ट टाइम वर्कर ऐसा करने पर मजबूर हैं। समूचे प्रदेश में यह आंकड़ा 600 के आसपास का है। साल 2007 में स्वास्थ्य विभाग ने पार्ट टाइम वर्कर तैनात किए थे।
हर कोई सरकारी नौकरी में अपने उत्पीडऩ के लिए इस वजह से भी तैयार हो जाता है कि कुछ सालों में अच्छी-खासी पगार मिलनी शुरू हो जाएगी। जीवन के आठ साल विभाग को देने के बाद इन कर्मचारियों के पास पीछे हटने का भी मौका नहीं है। मजबूरन इस पगार पर काम करना पड़ रहा है। अब तक इन कर्मचारियों को न ही दैनिक भोगी, न ही अनुबंध ओर न ही नियमित करने के बारे में सोचा गया है। लाचार कर्मचारी सरकार को बार-बार अपना दुखड़ा ज्ञापनों के माध्यम से भेजते रहते हैं। बावजूद इसके महकमे की आंखें नहीं खुल रही।
उधर सिरमौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा से जब इस बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नीति नहीं बनी है। लेकिन संकेत दिए कि विभाग इन कर्मचारियों के बारे में गंभीरता से विचार-विमर्श कर रहा है।