शिमला, 04 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात भर जोरदार बारिश के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन से कई सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। शिमला शहर में भारी वर्षा से भूस्खलन और पेड़ों के गिरने का खतरा बढ़ गया है। सुबह-सुबह पहाड़ी से मलबा आने से शिमला-बिलासपुर नेशनल हाइवे बाधित रहा। भूस्खलन की यह घटना उपनगर चक्कर के समीप बैरियर में सामने आई।
इस दौरान हाईवे पर गुजर रहे वाहन मलबे की जद में आने से बच गए। इसके बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाकर हाइवे को एक तरफ के लिए बहाल किया गया। इस दौरान हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। शहर के हिमलेंड इलाके में सम्पर्क मार्ग पर एक विशालकाय पेड़ गिर गया, हालांकि घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य भर में भूस्खलन से 115 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला है, जहां 107 सड़कें अवरुद्ध हैं। चम्बा में चार, सोलन में तीन और कांगड़ा में एक सड़क बंद है। मंडी जिला के सिराज उपमंडल में 39, करसोग में 28, थलौट में 22, सुंदरनगर में नौ, नेरचौक में पांच और मंडी उपमंडल में दो सड़कें भूस्खलन से ठप हैं। भारी वर्षा की वजह से 212 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। मंडी जिला में 147, कुल्लू में 42, चम्बा में 16 और सोलन में सात ट्रांसफार्मरों के बंद होने से बिजली गुल है। व्यापक वर्षा से शिमला जिला के ठियोग उपमंडल में 10 और कुमारसेन में सात पेयजल स्कीमें भी ठप हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिला के सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 110 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा पालमपुर में 109, बागी व शिमला में 84-84, गोहर में 80, सोलन में 79, मशोबरा में 78, जोगिन्दर नगर में 75 और बैजनाथ में 70 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि किन्नौर के रिकांगपिओ में 53 किलोमीटर प्रति घंटे और ताबो में 38 किलोमीटर प्रति घटे की रफ्तार से तूफान चला।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि अगले तीन दिन तक वर्षा का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। आगामी 24 घंटों यानी पांच जुलाई को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और छह व सात जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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