नाहन: जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापकों ने अपने डिप्लोमा को सरकार को वापिस करने का निर्णय लिया है। सरकार जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापकों को प्रताडित करती आ रही है। बार-बार मांगे मनवाने के लिए एडी चोटी का जोर लगाने के बाद भी सरकार पर इसका कोई असर नहीं पडा है। सोमवार को जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापकों की एक बैठक नाहन के रानीताल बाग में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के जिला अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापक सरकार के रवैये से काफी परेशान है। सरकार लगातार अध्यापकों को मानसिक तौर पर प्रताडित कर रही ह। सरकार आज तक प्रशिक्षित अध्यापकों को गुमराह करती आई है। अब प्रशिक्षित अध्यापक सरकार के नकारात्मक रवैये से हताश हो चुके है। बैठक में संघ ने यह भी निर्णय लिया कि आज के बाद सरकार से कभी भी प्रशिक्षित अध्यापक जेबीटी नियुक्ति संबधी मांग नहीं करेगें। साथ ही भविष्य में भी सरकार से किसी प्रकार की कोई उम्मीद नहंी रखेगें। गौर हों कि जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापकों ने 2008-10 के बैच में अपना कोर्स पूरा किया है। मगर अभी तक सरकार इन जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापकों को नौकरी नहीं दे पाई है। सरकार ऐसे अध्यापकों की नियुक्ति के लिए कभी टेट पास करने की शर्त को अनिवार्य बताती है तो कभी सरकार के अपने निजी कारण अध्यापकों की भर्ती में आडे आ जाते है। इन दो साल में जेबीटी प्रशिक्षित अध्यापकों ने सरकार से अपनी मांगे मंनवाने के अथक प्रयास किए। मगर अध्यापकों के सारे प्रयास असफल साबित हुए। ऐसे में अध्यापकों ने नौकरी की सारी उम्मीदें छोड दी है। बैठक में उपाध्यक्ष दीपक पंवार, अरूण भृगु, नरेन्द्र, रोहित, मुन्शी, आशा, दिव्या, ललिता, सपना, प्रवीण, नेहा वर्मा, वीरेन्द्र, सुमित, विशाल, हेमलता, प्रेमलता व ज्योत्सना आदि प्रशिक्षित अध्यापक उपस्थित थे।