नाहन, 29 जून : देवभूमि हिमाचल प्रदेश में स्थित भगवान श्री परशुराम की माता श्री रेणुका जी झील के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। इसको लेकर शनिवार को स्थानीय लोगों ने वाइल्ड लाइफ विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। दर्जनों महिलाओं ने मां रेणुका जी सेवा समिति के बैनर तले विरोध रैली निकालते हुए विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने विभाग से मांग की है कि झील के संरक्षण के लिए सक्रिय कदम उठाए जाएं ताकि इस प्राकृतिक धरोहर को विलुप्त होने से बचाया जा सके।
झील की अनदेखी पर गुस्सा...
रेणुका मंच से वाइल्डलाइफ कार्यालय तक रैली निकालकर महिलाओं ने अपनी नाराजगी जताई। सेवा समिति की महिलाओं ने मांग की कि या तो विभाग खुद झील के संरक्षण के लिए कदम उठाए, या उन्हें श्रमदान के माध्यम से सफाई करने की अनुमति दी जाए।
समिति का आरोप…
मां रेणुका जी सेवा समिति के अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रेणुका जी झील लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उन्होंने झील की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि इसकी गहराई अब केवल 13 मीटर रह गई है। विभाग पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि झील की देखभाल के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
महिलाओं की प्रतिक्रिया...
सेवा समिति की सदस्य परीक्षा और शीला ने बताया कि झील का ऊपरी हिस्सा वनस्पतियों से ढक गया है और पानी सूख चुका है। झील में गिरे पेड़ और जमा गाद की वजह से बदबू फैल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 5-6 महीनों से हर रविवार को निशुल्क श्रमदान किया जा रहा है, लेकिन अब विभाग ने उन्हें भी काम करने से मना कर दिया है। महिलाओं ने सरकार से मांग की कि झील की सफाई के लिए या तो विभाग खुद कार्यवाही करे या फिर उन्हें काम करने की अनुमति दी जाए।
विभाग का पक्ष….
उधर, वाइल्ड लाइफ विभाग के एसीएफ विनोद रांटा ने बताया कि कुछ समय पहले विभाग ने मानव निर्मित कचरे को एकत्रित करने के लिए कुछ लोगों को जोड़ा था। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र वाइल्ड लाइफ सेंचुरी होने के साथ-साथ रामसर साइट भी है, जिसके तहत कुछ नियम हैं। स्थानीय लोगों की मांगों को उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा।