शिमला (एमबीएम न्यूज़) : अपनी मांगों को लेकर शिमला में बार एसोसिएशन के वकील हड़ताल पर चले गए हैं। बुधवार को दिन भी वकीलों की हड़ताल जारी रही, जिससे चक्कर स्थित जिला अदालत में कार्य ठप है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शिमला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम नेगी ने कहा कि न तो उच्च न्यायालय और न ही जिला न्यायालय चक्कर स्थित कोर्ट परिसर में मौजूद समस्याओं के बारे गंभीर है। उनका कहना है कि 55 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित चक्कर जिला कोर्ट परिसर 3 साल के बाद ही अव्यवस्थाओं की मार झेल रहा है, जिसके कारण वकीलों और यहां अपने वाले हजारों लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
नेगी के अनुसार चक्कर स्थित कोर्ट परिसर अभी तक कंप्यूटरीकृत नहीं हो पाया है। इसमें सीवरेज सिस्टम ठप्प है। कोर्ट के लिए आईएसबीटी सहित सभी उपनगरों से बसों व टैक्सियों की सुविधा नहीं है। बरसात में कोर्ट परिसर के कमरों में पानी टपकता है। साथ ही वाटर हारवेस्टिंग के लिए बने विशाल टैंक से परिसर में भारी सीलन आ जाती है। ढांचागत कमियों के कारण परिसर में वकीलों और लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
प्रेम नेगी ने आरोप लगाया कि ज्यूडिशरी डिपार्टमेंट आंकड़ों के खेल से आम जनता को गुमराह कर रहा है। शिमला में केसों का निपटाने की गति काफी धीमी है। यहां प्रतिवर्ष 15 हजार में से 13 हजार केसों का निपटारा किया जा रहा है जिसमे से 10 हजार केस तो केवल ट्रैफिक चालानों से ही संबंधित है। जिसमें न सुनवाई और न जिरह का स्थान होता है। उन्होंने कहा कि मांगे पूरी न होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
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