शिलाई – इस वर्ष करवाचौथ का व्रत पहली बार व्रत रखनें वाली सुहागिनो को फलीभूत नही होगा। क्यो कि पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए जिस वृहस्पति देवता की पूजा जाती है वह चिर निद्रा मे है । 4 नवम्वर तक देव शयैनी होने के कारण व्रत का फल नही मिलेगा इसके अतिरिक्त 27 नवम्वर तक शुक्र भी अस्त है । जो इसका मूल कारण है । इस व्रत को पहले से करती आ रही सुंहागिनो को तो इसका फल मिलेगा लेकिन पिछले करवा चौथ के बाद जिनका विवाह हुआ है और वह इस साल पहली बार इस व्रत को कर रहे है उनको इसका फल नही मिल पाएगा । अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए व परिवार की खुशहाली के लिए सुहागने करवा चौथ का व्रत रखती है । लेकिन इस वर्ष वृहस्पति देवता चीर निद्रा मे है। जो नये व्रत करने वाली सुहागिनो के लिए फलदायक नही है । खड़खाड निवासी पण्डित रमेश शर्मा पाबूच का कहना है कि इस व्रत मे वृहस्पति देवता की पूजा होती है लेकिन वृहस्पति देवता देव शयैनी के कारण चिरनिद्रा मे है। उन्होने कहा कि 27 नवम्वर तक शुक्र भी अस्त है ।इस लिए नये व्रत रखने वाली सुहागिनो को यह व्रत फलदायक नही होगा। लेकिन जो सुहागिने नित्य इस व्रत को कर रही है । उनको तो इसका लाभ मिलेगा । जो इस व्रत का उद्यापन करना चाहती है वह भी नही कर पाएगी । सुन्दर सिह शर्मा व अन्नतराम शास्त्री का भी कहना है कि नई सुहागिनो को यह व्रत अगले वर्ष से शूरू करना पड़ेगा इस वर्ष भले ही वह व्रत रखेगी लेकिन फल प्राप्त नही होगा, नई सुहागिन अमिता रानी, निलम शर्मा, अनुपमा चौहान का कहना है कि जो भी होगा वह इसी वर्ष अपने पति की लम्बी उम्र के लिए चह व्रत करेगी । फल न सही लेकिन अपने पति के प्रति उनका अटूट प्रेम है।एक दिन पति के लिए उपवास करना, निरआहार रहना बड़ी बड़ी बात है। वह व्रत अवश्य रखेंगी। शास्त्रों और ग्रन्थो मे क्या लिखा है? वह सिर्फ अपने पति परमेश्वर के लिए उपवास करेगी।
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