मंडी (वी.कुमार) : उत्तरी भारत में दूसरे स्थान पर खुला शौचमुक्त घोषित हो चुके मंडी जिला प्रशासन ने एक रोचक आदेश जारी किए हैं। जिला में अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार का अलग से पंजीकरण करवाना चाहता है तो फिर उसका यह पंजीकरण बिना शौचालय के नहीं होगा। यानि परिवार से अलग हो रहे सदस्यों के पास अपना अलग से शौचालय है या नहीं, इस बात की जांच करने के बाद ही पंचायत परिवार के बंटवारे की प्रकिया को आगे बढ़ाएगी। यदि अलग हो रहे परिवार के सदस्य अलग से शौचालय नहीं बनवाते हैं तो फिर उन्हें परिवार रजिस्टर से भी अलग नहीं किया जायेगा और ऐसे में उन्हें अलग से राशन कार्ड भी नहीं मिल पायेगा।
जिला प्रशासन ने सभी पंचायतों व नगर निकायों को इस बारे में कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं। इन आदेशों में पंचायतों को कहा गया है कि वह किसी भी परिवार के सदस्यों की तरफ से अलग परिवार बनाने की प्रार्थना आने पर सबसे पहले इस बात की सत्यता जांच लें कि अलग-अलग होने वाले सदस्यों के पास अपना शौचालय है या नहीं। उपायुक्त ने आदेशों में यह भी कहा है कि अगर अलग हो रहे परिवार के पास अपना शौचालय नहीं है तो उन्हें पहले शौचालय बनाने के लिए कहा जाए। उक्त सदस्य जब अपना अलग से शौचालय बना लेंगे, तभी परिवार के बंटवारे की कानूनी प्रकिया पंचायतें शुरू करेंगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार शौचालय न बनाने वाले परिवारों के बिजली पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दे चुकी है। बता दें कि मंडी जिला की सभी पंचायतें खुले से शौचमुक्त हो चुकी हैं। जिला की 469 पंचायतें को खुला शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है।
सर्वे के अनुसार जिला के 2,43,322 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। ऐसे में अलग होने वाले परिवार के लिए प्रशासन ने शौचालय पहले बनाने की शर्त रख दी है। जिला उपायुक्त संदीप कदम ने बताया कि शौचालय न बनाने परिवारों के बिजली पानी के कनेक्शन काटने के आदेश सरकार ने पहले ही दे रखे हैं, लेकिन अब परिवार से अलग होकर नया परिवार बनाने की सूरत में भी पहले शौचालय होना लाजमी कर दिया गया है। ताकि हर हाउसहोल्ड के पास अपना शौचालय हो।