नाहन, 25 मई : स्वस्थ व फिट जीवन का संदेश देकर 92 वर्षीय निर्मल अग्रवाल ने शनिवार सुबह संसार को त्याग दिया। पति दिवंगत रोशन लाल अग्रवाल का निधन करीब डेढ़ महीना पहले 3 अप्रैल को हुआ था। हालांकि, वो अपने पति के निधन के बाद भी स्वस्थ रही, लेकिन जीवन की अंतिम सच्चाई का सामना शनिवार सुबह अचानक ही कर लिया।
आप जानकर आश्चर्यचकित होंगे कि वो ताउम्र चिकित्सकों से दूर रही। छोटी-मोटी बीमारी को छोड़ दें तो बीपी, शूगर व किडनी इत्यादि की बीमारियां नजदीक तक नहीं फटकी। छोटे बेटे व कारोबारी प्रवीण अग्रवाल की मानें तो वो हमेशा यही कहा करती थी कि लंबी व स्वस्थ आयु का एकमात्र मूल मंत्र जीवन में साधारण खानपान है।
ये भी इत्तफाक देखिए कि 92 वर्षीय दिवंगत अग्रवाल ने बीती रात छोटे बेटे प्रवीण को 1947 में देश विभाजन के वक्त की विध्वंसक दास्तां करीब एक घंटे तक सुनाई, जैसे मानों उन्हें अपने अंत का पता चल गया था।
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मूलतः पंजाब के लुधियाना के जगराओं की रहने वाली दिवंगत निर्मल अग्रवाल ने बीती रात ही इस बात का जिक्र किया कि कैसे वो पाकिस्तान की तरफ से आने वाले हिंदुओं के लिए टोकरियां भरकर रोटियां बनाया करती थी। कैसे, आने वालों को सुरक्षा दी गई थी। देश के विभाजन का जिक्र करते-करते दिवंगत निर्मल अग्रवाल की आंखों में आंसू आ गए थे।
चौथी पीढ़ी देख संसार को अलविदा कहने वाली निर्मल अग्रवाल मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी अपने मत का इस्तेमाल करना चाहती थी। इसके लिए वोट डालने के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन दुर्भाग्यवश चुनाव आयोग की टीम अब तक नहीं पहुंच पाई थी।
उधर, पोतेे संचित अग्रवाल ने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। संचित ने बताया कि महलात स्थित पैतृक घर से अंतिम यात्रा शुरू होगी।
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