नाहन, 19 अप्रैल : शहर में चरणबद्ध तरीके से बहुमंजिला पार्किंग (Multi-Storey Parking) व्यवस्था उपलब्ध हो रही है। बावजूद इसके ‘हम नहीं सुधरेंगे’ कहावत भी चरितार्थ हो रही है। यहां दिक्कत ये भी है कि पुलिस की क्रेन क्रियाशील नहीं है। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी के कार्यकाल में क्रेन की मरम्मत हुई थी, लेकिन साथ-साथ वैकल्पिक तौर पर (Alternatively) क्लिपिंग का विकल्प भी तलाश लिया गया था।
बाद में ये व्यवस्था ठप हो गई। इसी बीच 15 अप्रैल को लोक निर्माण विभाग (PWD) के विश्रामगृह के सामने वाली सड़क पर एक टैक्सी नंबर वाहन में टायर पर क्लिप लगा हुआ नजर आया। इसे देखकर हर कोई इस व्यवस्था की प्रशंसा करने लगा। साथ ही ये भी मांग की जाने लगी कि इस व्यवस्था को शहर के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाना चाहिए।
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दरअसल, नो पार्किंग या अनलोडिंग प्वाइंट पर यदि वाहन पार्क है तो पुलिस केवल चालान ही काट सकती है। ऐसे में यदि वाहन घंटों तक वहीं रहता है तो व्यवस्था बिगड़ी रहती है। लिहाजा, पुलिस वाहन को चाहकर भी हटाने में बेबस होती है। शहर के तेली मोहल्ला चौक के अलावा नया बाजार की स्थिति काफी खराब है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि महलात के नो पार्किंग जोन में ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने में प्रशंसनीय प्रयास हुए हैं। इसके अलावा जेबीटी स्कूल (JBT School) के समीप अवैध पार्किंग (Illegal Parking) पर पूरी तरह से नकेल कस दी गई है। रानीताल के बड़े से छोटे गेट तक भी ठोस कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
चूंकि, ट्रैफिक पुलिस रात 8 बजे तक ही सेवाएं प्रदान करती है, लिहाजा मांग ये भी है कि रात्रि गश्त में ट्रैफिक व्यवस्था भी प्राथमिकता होनी चाहिए। दो पहिया वाहनों ने हर जगह परेशानियों को विकराल कर दिया है। गलियों में बेतहाशा पार्किंग के कारण चलना तक दुर्भर हो गया है। नियमित तौर पर पार्क होने वाले दो पहिया वाहनों को पेड पार्किंग (Paid Parking) की तरफ डायवर्ट करने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है। बता दें कि नाहन की ट्रैफिक व्यवस्था तेजतर्रार डीएसपी रमाकांत ठाकुर के हाथों में है।
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