नाहन / अंजू शर्मा : हिमाचल प्रदेश सिरमौर जिले के शिलाई प्रखंड से जुड़े टिटियाना गांव के सैकड़ों लोग शात के उपलक्ष्य पर बिस्सू लेकर महासू मंदिर हनोल पहुंचे। करीब 20 वर्ष बाद बैसाखी की संक्रांति को हिमाचल प्रदेश के शिलाई प्रखंड से जुड़े टिटियाना गांव के लोग देव पालकी के साथ बिस्सू लेकर हनोल स्थित महासू मंदिर पहुंचे।
हनोल मंदिर समिति व कार सेवकों ने श्रद्धालुओं का परंपरागत तरीके से भव्य स्वागत किया। मंदिर परिसर में रासे, सुर्खी, और सिरमौर नाटी के साथ टिटियाना गांव के ग्रामीणों ने हिमाचली लोक नृत्य से देवता की प्रस्तुति की। बिस्सू में सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने से पर्यटन स्थल हनोल में रौनक बढ़ गई।
जनजाति क्षेत्र में बिस्सू उत्सव का शनिवार को चालदा महासू मंदिर दसऊ और शेडकुड़िया महाराज मंदिर रायगी से शुरुआत हो गई। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई प्रखंड से जुड़े टिटियाना पंचायत के कई लोग 20 वर्ष बाद बिस्सू लेकर हनोल मंदिर पहुंचे। लोक परंपरा के अनुसार महासू देवता के मंदिर में हिमाचल प्रदेश, जौनसार और आसपास के अन्य इलाकों से लोग अप्रैल से मई माह के बीच बिस्सू लेकर आते हैं। देवता के दरबार में बैसाखी की संक्रांति के दिन प्रथम बिस्सू पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया।
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टिटियाना मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2004 के बाद यह पहला मौका मिला है। उन्होंने कहा कि सिरमौर क्षेत्र से देवता के भक्त ढोल-बाजे के साथ बिस्सू मनाने हनोल मंदिर में रात्रि जागरण को एकत्र हुए। इस दौरान टिटियाना गांव की 200 महिलाएं सहित 600 से अधिक श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकने पहुंचे। भक्तों ने सिरमौर की नाटी के साथ मंदिर प्रांगण में लोक नृत्य से समा बांधा।
मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने देवता से आशीर्वाद लिया। रात्रि जागरण के बाद रविवार सुबह देव पालकी को विधि-विधान से शाही स्नान करवाया गया। इसके बाद श्रद्धालु ने मूल स्थान के लिए प्रस्थान किया। मंदिर समिति ने सभी के लिए भंडारे की व्यवस्था की। भक्तों ने चांदी की पौड में माथा टेक देवता से मनौती मांगी।
बता दें कि टिटियाना गांव में 1 जुलाई 2023 को भव्य शात महायज्ञ का आयोजन किया गया था। लिहाजा शात महायज्ञ के सफल आयोजन के बाद गांव के लोगों ने यहां जाने का फैसला लिया था जिसमें हर घर से करीब तीन-तीन लोग महासू देवता के प्रांगण में पहुंचे। @A1