शिमला, 6 अप्रैल : हिमाचल में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट देर शाम जारी होने की संभावना है। मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस प्रदेश में लोकसभा की चार सीटों पर आधी आबादी को टिकट दे सकती है। कांगड़ा, मंडी व शिमला सीट पर तीन महिलाएं टिकट की अंतिम दौड़ में पहुंच गई हैं। अंतिम वक्त पर यदि कुछ हेर-फेर नहीं हुआ तो बात अलग होगी।
कांगड़ा संसदीय सीट से पूर्व मंत्री व कांग्रेस की दिग्गज नेता आशा कुमारी चुनाव लड़ सकती हैं। उन के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी है। आशा कुमारी डलहौजी विधानसभा चुनाव में हार गई थी। चंबा के राज परिवार से संबंध रखती हैं। 90 के दशक में वह दिवंगत वीरभद्र सिंह सरकार में प्राथमिक शिक्षा मंत्री भी रही हैं। आशा कुमारी की अपने गृह जिला चंबा के अलावा कांगड़ा में भी खासी पैठ है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में राजपूत वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। इसके चलते भी आशा कुमारी राजपूत वोट बैंक पर अच्छा प्रभाव रखती हैं। उनके सभी नेताओं से मधुर संबंध हैं।
वहीं मंडी संसदीय सीट से पार्टी की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अब चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गई हैं। पहले वह चुनाव लड़ने से मना कर रही थी। मगर पार्टी आलाकमान के दबाव के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए हां कर दी है। इसके चलते उन्हें मंडी से टिकट दिया जाना लगभग तय है। निवर्तमान सांसद प्रतिभा सिंह का ताल्लुक भी राजपूत बिरादरी से है। साथ ही मंडी संसदीय क्षेत्र में उनकी पैठ काफी तगड़ी मानी जाती है।
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मंडी लोकसभा सीट के अंतर्गत उनके गृह क्षेत्र की विधानसभा रामपुर बुशहर भी आती है। इससे उन्हें हमेशा तगड़ी लीड़ मिलती रही है। उनके पुत्र पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह मंडी संसदीय सीट के प्रभारी हैं। प्रतिभा सिंह को टिकट मिलते ही भाजपा उम्मीदवार कंगना रणौत की राहें मुश्किल हो जाएंगी। अगर प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ती हैं तो मंडी सीट सबसे हाॅट सीट होगी। यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प व नजदीकी होगा।
बात करें, हमीरपुर संसदीय सीट की तो यहां अभी तक सतपाल रायजादा का नाम तय माना जा रहा है। मगर कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा किसी महिला नेता को टिकट देने की पैरवी कर रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की गृह विधानसभा भी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। ऐसे में दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यही नहीं, यहां चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के बागियों के इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से भी समीकरण गड़बड़ाए हुए हैं। यहां भाजपा के उम्मीदवार के रूप में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं। ठाकुर हैवीवेट कैंडिडेट हैं। ऐसे में देखना है कि आलाकमान किसे यहां चुनावी मैदान में उतारता है।
सुरक्षित शिमला संसदीय सीट पर महिला उम्मीदवार दयाल प्यारी का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। कांग्रेसी विधायकों को चुनाव न लड़ाने के चलते फिलहाल दयाल प्यारी को शिमला सीट से कोई बड़ी चुनौती नहीं है। भाजपा के सुरेश कश्यप को यहां से टिकट दिया गया है। दयाल प्यारी व सुरेश कश्यप दोनों का संबंध सिरमौर जिला के पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से है। विधायक विनोद सुल्तानपुरी व कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल को पार्टी चुनाव में नहीं उतारना चाहती। ये स्थिति मोहन लाल बरागटा व नंद लाल के साथ भी है। इन तमाम परिस्थितियों के चलते दयाल प्यारी फर्स्ट रनर के रूप में टिकट झटक सकती है।
@R1