चंडीगढ़/दिनेश कुंडलस: राजनीति में भाजपा नए प्रयोग करती है। 28 साल बाद पंजाब (Punjab) में अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रही है। यूपी व बिहार जैसे बड़े प्रदेशों में गठबंधन में चुनाव (Election) लड़ने वाली बीजेपी ने इस बार अकालियों से गठबंधन नहीं किया है। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव में ताल ठोक रही है। पंजाब में भाजपा (BJP) को अब तक शहरों व हिन्दुओं की पार्टी का तमगा दिया जाता है।
लेकिन,इस दफा भाजपा ने अकाली दल से अलग होकर विशेष रणनीति के तहत चुनावी वैतरणी को पार करने के लिए कमर कसी है। जट सिखों को लुभाने के लिए पार्टी ने अमृतसर (Amritsar) से एक सीनियर आईएएस अधिकारी तरनजीत सिंह संधू को टिकट दिया है। तरनजीत सिंह के दादा स्वर्गीय तेजा सिंह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पहले अध्यक्ष रहे है। उनके नाम पर स्वर्ण मंदिर (Golden temple) में तेजा सिंह समुद्री हॉल का निर्माण भी है। पंथक राजनीति में इस परिवार की गहरी पैठ है। जिसका फायदा भाजपा सिख वोटरों को लुभाने के लिए करने जा रही है। पंजाब में भाजपा को अ हिन्दू वोटरों का समर्थन मिलता रहा है। हिन्दू वोटरों की तादाद पंजाब में लगभग 40 प्रतिशत है। इन्हे हमेशा से भाजपा का पारम्परिक वोटर माना जाता है।
अकाली दल से गठबंधन के चलते 1984 के बाद हिन्दू वोटर बीजेपी से धीरे-धीरे दूर होना शुरू हो गया था। जिसके चलते भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़कर हिन्दू वोटरों को अपने पक्ष में करना चाहती है। वहीं कईं दमदार प्रत्याशियों को भी टिकट देकर भाजपा ने सिख वोटों में भी सेंध लगाने की ठानी है।
उदाहरण के तौर पर पटियाला लोकसभा सीट (Patiala Lok Sabha seat) से पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) की पत्नी परनीत कौर को चुनावी मैदान में भाजपा ने टिकट देकर ज्वलंत किया है। इसके अलावा फरीदकोट से मशहूर पंजाबी गायक हंसराज हंस (Hansraj Hans) को टिकट दिया गया है। लुधियाना से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते व कांग्रेस (Congress) से भाजपा में शामिल हुए रवनीत सिंह बिट्टू को प्रत्याशी बनाया है।
गुरदासपुर से भाजपा ने पूर्व सांसद व अभिनेता सनी देओल (sunny deol) का टिकट काटकर पार्टी ने गुरदासपुर से पूर्व विधायक दिनेश सिंह बब्बू को प्रत्याशी घोषित किया। वहीं, जालंधर (Jalandhar) से सुशील कुमार रिंकू जो आम आदमी पार्टी को छोड़ कर भाजपा में आए थे, उन्हें टिकट थमाया गया है। पार्टी ने भटिंडा, संगरूर, फिरोजपुर, होशियारपुर, रोपड़, आनंदपुर, तरनतारन व फिल्लौर से अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। देखना है, 28 साल के बाद भाजपा पंजाब में अपने दम पर चुनाव लड़कर क्या करिश्मा करती है।