नाहन, 27 मार्च : सिरमौर पुलिस की पैनी नजर से बचकर चार शातिर सेंधमार नेपाल की सीमा में नहीं दाखिल हो सके। 48 मोबाइल, एक स्मार्ट वाॅच व एक टैब लेकर ये शातिर नेपाल भागना चाहते थे, लेकिन शातिरों के मंसूबों पर खाकी की कोशिश भारी पड़ गई।
घटनाक्रम, 23 मार्च की रात का है। राजगढ़ में मोबाइल की दुकान चलाने वाले अरविंद राॅय ने पुलिस को सूचित किया कि 23 मार्च की रात साढ़े 8 बजे दुकान बंद कर घर चला गया था। होली की वजह से सोमवार को भी दुकान बंद थी। होली के दिन शाम के वक्त बेटा दुकान पर पहुंचा तो पाया कि शटर के दोनों तालें टूटे हुए हैं। दुकान के अंदर से 48 फोन, एक टैब व एक स्मार्ट वाॅच चोरी हो चुके थे। इसकी कीमत 6 लाख रुपए है।
उधर, सिरमौर मुख्यालय नाहन में वारदात की सूचना पहुंची तो तुरंत ही एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया गया। इसमें साइबर सैल को भी शामिल किया गया था। नेपाल सीमा के करीब पहुंचने पर शातिर इस बात से बेपरवाह हो चुके थे कि खाकी सैंकड़ों किलोमीटर से पीछा कर रही है। यानि, चूहा आगे-आगे, बिल्ली पीछे-पीछे। बताया जा रहा है कि मोबाइल लोकेशन से पुलिस शातिरों को ट्रैक कर रही थी।
बुधवार सुबह करीब 7 बजे चारों अपराधियों को नेपाल सीमा पर रूपेडिया, बहराइच उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है। ये चारों ही नेपाल के रहने वाले हैं। नेपाल में भी एक ही गांव से ताल्लुक रखते हैं। करीब 10-15 दिन पहले ही राजगढ़ आए थे। वारदात को अंजाम देने के लिए होली के दिन को चुना था।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 39 मोबाइल, एक टैब व एक स्मार्ट वाॅच को भी बरामद किया है। आरोपियों की पहचान नेपाल के कोटतांग गांव के जनक शाही, नवीन खारका, लोकेंद्र शाही व जनक शाही के तौर पर की गई है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) योगेश रोल्टा ने बताया कि सूचना मिलते ही एसआईटी का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपियों को लेकर टीम वापस आ रही है। उन्होंने कहा कि 24-48 घंटे के भीतर ही संगीन वारदात को क्रैक किया गया है।
एक सवाल के जवाब में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने माना कि यदि अपराधी नेपाल में दाखिल हो जाते तो गिरफ्तारी नामुमकिन हो जाती। लेकिन इससे पहले ही काबू कर लिया गया है।
ये थी टीम….
एसआईटी में एएसआई हेमराज, मुख्य आरक्षी सुनील कुमार, जसबीर, रोहित कुमार, मानक मुख्य आरक्षी सुमिन्द्र सिंह, आरक्षी अमरिन्द्र सिंह, आरक्षी जय प्रकाश व अमित कुमार शामिल थे।