नाहन/अंजू शर्मा : रंगों के पर्व होली के त्योहार को लेकर तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। इस बार होली 25 मार्च को खेली जाएंगी। पांवटा साहिब उपमंडल के राजपुर पंचायत के कांगड़ा गुरासा गांव की महिलाओं ने हर बार की तरह इस बार भी ‘मां काली स्वयं सहायता समूह’ की महिलाओं ने होली के प्राकृतिक रंग तैयार किए हैं। महिलाओं ने ऑर्गेनिक हल्दी, आटा, गुलाब जल, पालक, पुदीना, पाउडर व कई तरह के फूलों का मिश्रण बनाकर इन रंगों को तैयार किया हैं।
मां काली स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं रंग-बिरंगे खुशबूदार फूलों से लाल, पीला, हरा, संतरी , गुलाबी, नीला,आदि रंग बना रही है। उनके समूह में 10 महिलाएं है जो प्राकृतिक रंगों को तैयार कर रही है। अपनी गृहस्थी में व्यस्त महिलाओं ने रोजाना 4 घंटे का समय निकाल कर 40 किलो प्राकृतिक रंग बनाया है। रंगों को बिक्री के लिए मार्केट में उतारा गया है। महिलाओं द्वारा प्राकृतिक रंगों का मूल्य बाजार के मूल्य से कम रखा गया है। महिला इन रंगों को 10-20 रूपए प्रति पैकेट के हिसाब से बेच रहे हैं। लोगों को भी ये रंग खासे पसंद आ रहे हैं, जिसके लिए समूह की महिलाएं खासी उत्साहित दिखाई दे रही हैं।
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समूह की महिला लीला ने बताया कि प्राकृतिक रंग राजपुर में नवनीत कुमार के जनरल स्टोर पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं और ऑर्गेनिक रंगों की एडवांस बुकिंग आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी पंचायत और आसपास के क्षेत्रों के लोगों की ऑर्गेनिक रंगों की काफी डिमांड है। इसमें किसी भी तरह का केमिकल का प्रयोग नहीं हुआ है। लिहाजा इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। इन रंगों की खास बात यह है कि रंगों को प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया गया है, जोकि बिलकुल सुरक्षित है।
समूह की महिलाओं ने बताया कि पिछले साल भी रंगों की काफी मांग थी, जिससे महिलाओं को काफी आर्थिक लाभ मिला। महिलाओं का कहना है कि दुकानदार व्यवसाय चलाने के लिए केमिकल युक्त रंगों की बिक्री करते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। होली के रंगों से चेहरे पर एलर्जी, इन्फेक्शन जैसे रोग होने का खतरा बना रहता है, जोकि त्वचा के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। प्राकृतिक रंगों से कई तरह के फायदे होते हैं और त्वचा को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता। महिलाओं ने बताया कि इस बार रंगों की बिक्री से अच्छी आय हासिल होने की उम्मीद है। महिलाओं की इस पहल से अन्य गांव की महिलाएं भी ऐसा करने की प्रेरित हो रही हैं, ताकि महिलाओं की आर्थिकी और अधिक सुदृढ़ हो सके।
समूह की महिलाओं ने बताया कि अगर आप भी प्राकृतिक रंगों के साथ होली मनाना चाहते है तो इस नंबर 9736234377, 9805443320 पर सम्पर्क कर सकते है। महिलाओं ने लोगों से आग्रह किया है कि होली का त्यौहार बिना पानी व प्राकृतिक पदार्थों से बने रंगों का प्रयोग करके ही मनाएं। गांव की महिला कांता देवी, लीला देवी, बाला देवी, सुनीता देवी, नीमा देवी, दीक्षा देवी, श्यामा देवी इत्यादि इसकी सदस्य व इस खोज की सूत्रधार हैं।