मंडी, 15 मार्च : पुलिस की कार्यशैली हमेशा से ही चर्चा में रहती है। कभी किसी अच्छे कार्य लेकर तो कभी नकारात्मक रवैये को लेकर चर्चा होती है। हिमाचल प्रदेश का एक पुलिस अधिकारी भी अपनी बेहतरीन कार्यशैली व कर्तव्यनिष्ठा को लेकर चर्चाओं में आ गया है। ये पुलिस अधिकारी है मंडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद।
दरअसल, हुआ यूं कि पुलिस अधिकारी का ब्लड प्रेशर अचानक ही कम हो गया। जिस कारण एडिशनल एसपी सागर चंद को इमरजेंसी में जोनल अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इस दौरान उन्हें इंजेक्शन और ड्रिप से ग्लूकोज भी चढ़ाया गया। कुछ समय तक वह यहां पर डॉक्टर्स की निगरानी में रहे।
डॉक्टर्स ने उपचार के बाद एएसपी को घर भेज दिया और कुछ दिनों तक आराम करने को कहा। लेकिन मन में काम करने की लगन थी, लिहाजा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद यहां से डिस्चार्ज होने के बाद ड्यूटी पर पहुंच गए। और यहां कानून व्यवस्था का मोर्चा संभाल लिया।
अस्पताल में ग्लूकोज की बोतल खत्म होते ही सागर चंद ने सेरी मंच में पहुंच अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में फिर मोर्चा संभाल लिया। पुलिस अधिकारी के कार्यशैली की हर तरफ प्रशंसा हो रही है।
900 जवान संभाल रहे कानून व्यवस्था
दरअसल, मंडी में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव चल रहा है। ऐसे में यहां पर कानून व्यवस्था के चलते पुलिस कर्मियों को अतिरिक्त ड्यूटी करनी पड़ रही है। जगह जगह पुलिस जवानों को तैनात किया गया है जो मुस्तैदी से यहां ड्यूटी दे रहे है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और होमगार्ड के 900 जवान तैनात किए गए हैं।
पड्डल मैदान में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस समय मंडी शहर में 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि पड्डल मेला ग्राउंड और सेरी मंच के आसपास 20 से 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
कड़क मिजाज के अधिकारी है ASP सागर चंद आपको बता दें कि सागर चंद्र शर्मा की पहचान हिमाचल पुलिस में बेहद सख्त और ईमानदार अधिकारी के तौर होती है। स्टेट विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ऊना में प्रमुख अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके सागर चंद्र शर्मा ने कई अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
डीएसपी तो बाद में पदोन्नत होकर एएसपी के तौर पर वह विजिलेंस कार्यालय ऊना के प्रभारी रहे हैं। 2008 बैच के पुलिस अधिकारी सागर चंद्र शर्मा का भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने में का कोई सानी नहीं है। उन्होंने न केवल अपने कार्य क्षेत्र ऊना बल्कि शिमला, मंडी और कांगड़ा में भी ट्रैप लगाकर कई लोगों को गिरफ्त में लिया।