त्रिवेणी घाट में तंबू लगाकर पानी को बचाने के लिए कर रहे हैं संघर्ष
बिलासपुर, 10 मार्च : अली खड्ड से पानी उठाने के खिलाफ बिलासपुर जिले की विभिन्न पंचायतों के ग्रामीण बीते 44 दिनों से आंदोलन पर है। बावजूद इसके सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसी के चलते एक बार फिर त्रिवेणी घाट पर किसान महापंचायत का आयोजन किया जाना तय हुआ है।
जानकारी देते हुए अली खड्ड बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सर्किट हाउस बिलासपुर में एक प्रेसवार्ता के दौरान अली खड्ड पानी विवाद मामले पर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। वहीं संघर्ष समिति ने सरकार से इस मसले पर उचित कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष रजनीश शर्मा ने कहा कि बिलासपुर एवं अर्की की सीमा पर स्थित त्रिवेणी घाट में अली खडड पर प्रभावित पंचायतों के लोग पिछले 44 दिनों से तंबू लगाकर पानी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार के रवैये पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमेंट कंपनी के दबाव में आकर संत समाज, किसानों व महिलाओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया है। साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा अली खड्ड के पानी की जांच के लिए गठित की गई कमेटी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस दिन पानी की जांच की गई उस दिन त्रिवेणी घाट के ऊपर की सभी पेयजल योजनाओं को बंद कर दिया था। कमेटी ने केवल एक जगह ही पानी की जांच की जबकि कमेटी को अली खड्ड के गोविंद सागर झील में मिलने वाले संगम स्थल की जांच भी करनी चाहिए थी ताकि पता चले की खड्ड के अंतिम छोर में कितना पानी है।
रजनीश शर्मा ने कहा कि अली खड्ड पानी विवाद मामले में आंदोलन कर रहे ग्रामीणों के समर्थन में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं ने समर्थन दिया है। बावजूद सरकार इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही है।