नाहन, 10 मार्च : धारटीधार की पहचान ‘सूखी धार’ से होती आई है। ये इलाका, भरोग बनेडी क्षेत्र से शुरू होकर बिलासपुर (Bilaspur) जनपद तक फैला है। यहीं जन्में एक लड़के ने सफलता की ऐसी इबारत लिखी है, जो समूचे धारटीधार को तो गौरवान्वित करती ही है, साथ ही सिरमौर के लिए भी हर्ष का विषय है।
ढ़ाबे में बर्तन मांजा करता था। अब कंपनी का टर्नओवर 100 से 150 करोड़ है। उद्यमी व समाजसेवी एलडी शर्मा ने पांवटा साहिब में काले लहसुन का प्लांट (Black Garlic Plant) लगाने की तैयारी करीब-करीब कर ली है।
ये है जीवन का संघर्ष….
यकीन करना कठिन होगा, लेकिन धारटीधार के मंधारा गांव में जन्में लक्ष्मीदत्त शर्मा ने 1986 में 15 साल की उम्र में ढाबे में बर्तन मांजे। बड़े भाई दिवंगत केडी शर्मा ने छोटे भाई को पढ़ाने के मकसद से पांवटा साहिब में ढाबा खोला था। धारटीधार के बिरला स्कूल में आठवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद एलडी शर्मा को रोजाना भरोग बनेडी जाने व आने के लिए पैदल ही 12 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।
ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए नाहन आना होता था। काॅलेज से वापसी के बाद ढ़ाबे में बर्तन भी मांजने होते थे। विश्वास कीजिए, इस वक्त एलडी शर्मा की कंपनी ‘शुगलू’ समूह (Shoogloo Group) का टर्नओवर 100 से 150 करोड़ के बीच का है। हालांकि, एलडी शर्मा करीब 5-7 साल से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं, लेकिन कुछ अरसे से सामाजिक कार्यों में अपनी सहभागिता को बढ़ा दिया है।
1997 में पेप्सी इंडिया (Pepsi India) को ज्वाइन किया था। करीब 100 से अधिक देश घूम चुके एलडी शर्मा ने तकरीबन 20 साल पहले ही इस बात को भांप लिया था कि आने वाला वक्त डिजिटल होगा, लिहाजा डिजिटल मार्केटिंग (Digital India) में उतर गए। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा है।
पांवटा साहिब में काला लहसुन…
उद्यमी एलडी शर्मा ने पांवटा साहिब में काले लहसुन का प्लांट लगाने की तैयारी करीब-करीब कर ली है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में लक्ष्मी दत्त शर्मा ने कहा कि लहसुन ही इसके लिए कच्चा माल होगा। 18 टन लहसुन से 9 टन काला लहसुन तैयार होगा। उनका कहना था कि सिरमौर में लहसुन की अच्छी-खासी पैदावार होती है। वो चाहते हैं कि लहसुन उत्पादक किसानों को एक शानदार न्यूनतम दाम दे सकें।
बता दें कि इस बार सिरमौर के लहसुन की जबरदस्त मांग रही। किसानों के बढ़िया दाम मिलने से चेहरे भी खिल उठे हैं। उनका कहना था कि काला लहसुन तैयार करने की एक विधि है, इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस वर्ष के अंत तक प्लांट शुरू कर दिया जाएगा।
उनका ये भी कहना था कि कच्चे माल के तौर पर लहसुन की प्लांट में इतनी डिमांड रहेगी कि शायद हिमाचल से इसकी पूर्ति न हो पाए। उनका कहना था कि सालाना लाभांश (annual dividend) के 30 से 35 प्रतिशत हिस्से को जन सेवा में खर्च करने का मन बना चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि एलडी शर्मा ने हाल ही में अपने इलाके के मेधावी छात्रों को अच्छी-खासी छात्रवृति भी देनी शुरू की है। सामाजिक कार्यों के लिए अनन्या फाउंडेशन (Ananya Foundation) का भी गठन किया है।
शर्मा का कहना है कि वो खुद भी एक कार रेलिस्ट (car rallyist) रह चुके हैं, लिहाजा स्पोर्टस के क्षेत्र में कुछ खास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए करना चाहते हैं। वो कहते हैं, बच्चे पढ़ाई के लिए विदेश चले गए हैं, लिहाजा जन्मभूमि में ही अधिक से अधिक समय गुजारना चाहते हैं।