शिमला/नाहन, 4 मार्च : हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण हितैषी ‘कंपोस्टेबल कैरी बैग’ (Compostable carry bags) के उत्पादन में एक अलग पहचान बना चुकी हिमालयन ग्रीन्स मोगीनंद (Himalayan Greens Moginand) ने पर्यावरण संरक्षण के हित में एक शानदार कदम उठाया है। ‘सोच बदलो-रुपए बचाओ’ की टैग लाइन (Tag Line) से एक नई शुरुआत की है।
दरअसल, सस्ते के चक्कर में कारोबारियों व मंझले व्यापारियों इत्यादि द्वारा प्रतिबंधित नाॅन वोवन प्लास्टिक कैरी बैगस (Non-Woven Plastic Carry Bags) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा पूरी तरह से प्रतिबंधित प्लास्टिक (banned plastic) कैरी बैगस को भी उपयोग में लाया जाता है। हिमालयन ग्रीन्स ने रेट का अंतर खत्म करने का निर्णय लिया है। इसके मुताबिक कारोबारियों द्वारा कंपोस्टेबल कैरी बैगस को नाॅन वोवन व प्रतिबंधित प्लास्टिक बैगस की दर पर ही हासिल किया जा सकेगा। इससे कारोबारी एक तरफ चालान की टेंशन से मुक्त होंगे, वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण संरक्षण में भी आहुति होगी।
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कंपनी के प्रबंध निदेशक आशुतोष गुप्ता ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि कारोबारियों में ये धारणा रहती है कि प्रतिबंधित बैग सबसे सस्ते पड़ते हैं। इसके अलावा नाॅन वोवन कैरी बैगस भी कंपोस्टेबल बैगस की तुलना में सस्ते होते हैं, जबकि हकीकत कुछ और है। उनका कहना था कि कंपनी कारोबारियों को 165 रुपए प्रति किलो कंपोस्टेबल कैरी बैगस उपलब्ध करवाने को तैयार है। उनका कहना था कि यदि कारोबारी तुलना करेंगे तो कंपोस्टेबल बैगस की मात्रा भी अधिक होगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूरी तरह से प्रतिबंधित बैग 150 से 160 रुपए किलो बिकते हैं। 40 से 42 की मात्रा रहती है। इसी तरह नाॅन वोवन कैरी बैगस की मात्रा 60 से 70 होती है। लिहाजा, ये निर्णय लिया गया है कि कंपोस्टेबल कैरी बैगस को भी बराबर की दरों पर उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही बताया कि एक किलो में तुलनात्मक तरीके से कैरी बैगस की संख्या भी अधिक होगी। उन्होंने कहा कि ये ऑफर केवल हिमाचल के लिए ही है।
उन्होंने कहा कि इच्छुक कारोबारी कंपनी के प्रतिनिधि को मोबाइल नंबर 97365-20171 पर संपर्क कर सकते हैं। बता दें कि कंपोस्टेबल बैग (compostable bags) एक ऐसी सामग्री है, जो आसानी से बायोडिग्रेडेबल (biodegradable) होती है, यानि मिट्टी में खाद का रूप ले लेती है। इसका पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है।