नाहन – प्रदेष में आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभा रहे प्रगतिशील किसान सुबोध अब्भी को महज एक ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए संघर्ष करना पड रहा है। पांवटा एसडीएम रजिस्ट्रेशन व लाईसेंसिग आथारिटी ने यह कहकर आवेदन को खारिज कर दिया है कि एलएमवी लाईसैंस धारक को ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन नहीं प्रदान की जा सकती है। इस पर अब्भी ने सवाल उठाए है। बडा सवाल यह है कि जब एलएमवी लाईसेंस धारक छह यात्रियों के वाहन को चला सकता है तो एलएमवी लाईसेंस धारक को ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन से क्यों इंकार किया जा रहा है। अब्बी ने एक नए ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन के लिए पांवटा एसडीएम कार्यालय में 30 मई को आवेदन किया था लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी ट्रैक्टर का पंजीकरण नहीं हुआ है। अब्बी ने कहा कि आवेदन के बाद उन्हें कृषक प्रमाणपत्र लाने को कहा गया। इसके लिए छह दिन का समय लग गया, लेकिन बाद में आवेदन को खारिज कर दिया गया। प्रगतिशील किसान व उद्योगपति सुबोध अब्बी ने एसडीएम को लिखे पत्र में कहा कि ट्रैक्टर का इस्तेमाल कृषि उत्पादों के यातायात के लिए किया जाता है। लिहाजा इसका पंजीकरण एलएमवी की श्रेणी में आता है। उन्होनें कहा कि एसडीएम को मोटरव्हीकल एक्ट की धारा-10 डी के बारे में भी अवगत करवाया गया। लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। उन्होनें कहा कि एलएमवी लाइसेंस होने की सूरत में ट्रैक्टर को चलाया जा सकता है। इसके लिए अलग से कोई नियम नहीं है। बशर्ते रजिस्ट्रेशन अधिकारी को मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत कोई विशेष शक्तियां न दी गई हों। अब्बी ने कहा कि रजिस्ट्रेशन व लाईसेंसिंग अथारिटी को हाईकोर्ट द्वारा 22 दिसबंर, 2011 को जारी किए गए आदेश की प्रतिलिपि भी दी गई है, इसमंे ट्रैक्टरों को टोकन टैक्स में छूट दी गई थी। साथ ही इसे कृषि उपकरण में माना गया था। वहीं इस बारे एसडीएम पांवटा साहिब श्रवण मांटा ने बताया कि मामला संज्ञान में है। ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन के अलग मापदंड है। आवेदनकर्ता ने कुछ अन्य राज्यों की अधिसूचना प्रदान की है। इस बाबत ट्रांसपोर्ट विभाग के निदेशक से उचित दिशा-निर्देश मांगे गए है।
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