मंडी, 16 फरवरी : सवर्ण आयोग का गठन न होने के बाद सामान्य वर्ग के लोगों ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का घेराव करने का मन बना लिया है। जिसके लिए सामान्य के लोगों द्वारा अन्न त्याग तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। 14 फरवरी को यह तिरंगा यात्रा कुल्लू जिला से शुरू की गई है और 22 फरवरी को यह यात्रा राजधानी शिमला पहुंचेगी। इस यात्रा के माध्यम से स्वर्ण समाज के लोग प्रदेश सरकार से सवर्ण आयोग के गठन के साथ अन्य दो मांगे भी रख रहे हैं।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने बताया कि 10 मार्च 2023 को शिमला में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर स्वर्ण आयोग के गठन की मांग रखी थी। उस दौरान सीएम ने सवर्ण आयोग के गठन के लिए 6 माह का समय मांगा था। लेकिन सीएम के आश्वासन को भी एक साल पूरा होने वाला है और प्रदेश सरकार सामान्य वर्ग के अधिकारों के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
जितेंद्र राजपूत ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार 22 फरवरी को उनकी इन सभी मांगों को मान लेती है तो सरकार का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया जाएगा। लेकिन यदि उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया जाता है तो उनके द्वारा अन्न-जल त्याग के साथ राजधानी शिमला में ही आमरण अनशन भी शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि सामान्य वर्ग के लोगों की तीन प्रमुख मांगे हैं इसमें स्वर्ण आयोग का गठन, भांग अफीम जैसी खेती को आयुर्वेदिक खेती करने की स्वीकृति बिना भेदभाव के हिमाचल के किसानों को देना व ईडब्ल्यूएस को केंद्र सरकार के आदेशों की तर्ज पर बिना किसी छेड़छाड़ द्वारा लागू करना अन्यथा सभी सवर्ण परिवारों को ओबीसी का दर्जा देना शामिल है। इन सभी मांगों को लेकर कल्लू के रामलीला मैदान से 14 फरवरी को एक दल अन्न त्याग तिरंगा यात्रा के नारे के साथ शिमला के लिए रवाना हुआ है।
शनिवार को यह दल मंडी जिला के पंडोह में पहुंचा। मंडी से होते हुए यह तिरंगा यात्रा बिलासपुर और इसके बाद अपने अंतिम पड़ाव राजधानी शिमला पहुंचेगी।