नाहन, 11 फरवरी : पांवटा साहिब-गुम्मा ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) के निर्माण में नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में जाने-माने समाजसेवी व पर्यावरणविद नाथू राम चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 (NH-707) के निर्माण में क्षेत्र में पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिला सिरमौर में राष्ट्रीय राजमार्ग-707 पांवटा साहिब गुम्मा ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण में एनजीटी (NGT) को गुमराह किया गया है। जिला सिरमौर के समाजसेवी नाथूराम चौहान ने कहा है कि एनएचएआई (NHAI) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) से राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के निर्माण के लिए 97 किलोमीटर की स्वीकृति ली। जबकि वर्तमान में 103 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण पर्यावरण नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है।
समाजसेवी नाथूराम चौहान ने कहा है कि ग्रीन कॉरिडोर में पर्यावरण का नुकसान नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि नेशनल हाईवे 707 के दौरान निर्माण की हालत देखी जाए तो अब तक लाखों पेड़-पौधे, सैकड़ों प्राचीन कूहलें, बावड़ियां, खेत खलिहान एनएच के डंपिंग एरिया की चपेट में आ चुके हैं। नाथूराम चौहान ने कहा कि नेशनल हाईवे निर्माण के दौरान भारी मात्रा में आरडीएक्स (RDX) का इस्तेमाल गया है, जिससे आने वाले समय में भारी तबाही हो सकती है।
उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष याचिका दायर की गई है। नाथूराम ने कहा कि हिमालय बचाओ समिति की याचिका पर निर्माण से जुड़े 15 विभागों व कंपनियों को एनजीटी ने नोटिस जारी कर 15 अप्रैल तक जवाब मांगा है।