शिमला/पंकज शर्मा : पुलिस विभाग से सेवानिवृत इकबाल सिंह नेगी के अकस्मात मृत्यु के समाचार से चौपाल सहित ट्रांसगिरी क्षेत्र भी गमगीन हो गया है। बहुत भारी मन के साथ लोग इस बात को स्वीकार रहे है की अब उनसे कभी बात और मुलाकात नहीं हो पाएंगी। पुलिस सेवा के दौरान उनका अधिकांश कार्यकाल सिरमौर जिला के ट्रांसगिरि क्षेत्र में ही रहा था। लोगों के दुख, तकलीफों और मजबूरियों को बेहद विनम्र तरीके से समझने वाले दिवंगत नेगी को अक्सर अपनी तनख्वाह के पैसों से जरूरतमंदों की मदद करते हुए दिखाई देते थे। बेवजह कोर्ट के चक्कर काटने से गरीब और बेगुनाह लोगों को बचाने के लिए वो अपने वरिष्ठ अधिकारियों से भी सीधा भीड़ जाया करते थे।
बेहद सौम्य, शांत और मृदुभाषी दिवंगत नेगी पुलिस विभाग में तकरीबन 35 वर्षों के बेदाग और ईमानदार सेवाकाल के बाद पुलिस चौकी रोनहाट से बतौर एचएएसआई (HASI) के पद से महज एक वर्ष पहले ही सेवानिवृत हुए थे। मूलतः चौपाल के बोदना गांव के निवासी इकबाल सिंह नेगी सेवानिवृति के बाद से नेरवा के लालपानी में स्थित अपने आवास में ही रहते थे। सोमवार को अचानक से तबीयत बिगड़ने के कारण वो हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए।
जेलदार प्रताप सिंह तोमर, हरी राम शास्त्री, सीता राम शर्मा, नंबरदार रवींद्र सिंह ठाकुर, इंदर सिंह ठाकुर, पंडित दीप राम शर्मा, गंगा राम सिंगटा, बलदेव कांटा, रमेश देसाई, भवान सिंह, अनिल कनियाल, विकेंद्र राणा, पंकज शर्मा, गुरबक्श सिंह, वीरेंद्र चौहान, भीम सिंह ठाकुर आदि ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों ने बताया की प्रतिदिन सुबह-शाम भगवान की आराधना में लीन रहने वाले बेहद ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति ने खाकी पहन कर भी अपने पूरे सेवाकाल के दौरान गरीब और बेगुनाह लोगों की हमेशा मदद की है।
उन्होंने ट्रांसगिरी क्षेत्र के जिन भी इलाकों में नौकरी की वहां उन्होंने पुलिस की साख को अपने व्यवहार और इंसानियत से हमेशा बढ़ाया था। उनके अकस्मात निधन से चौपाल सहित ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों की आंखें भी नम हो गई है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी हजारों लोगों द्वारा उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी जा रही है। इसके साथ उनके घर में भी परिजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है।
आपको बताते चले की हिमाचल और उत्तराखंड की अंतर्राज्यीय सीमा मीनस के रास्ते से तस्करी करने वाले नशा माफियाओं और खनन माफियाओं पर इकबाल सिंह नेगी का खौफ इतना ज्यादा था की अधिकांश तस्कर या तो सलाखों के पीछे पहुंचाए गए थे या गैर कानूनी काम छोड़कर उन्होंने अन्य काम शुरू कर दिए थे। उग्रवाद के समय भी इकबाल सिंह नेगी ने पुलिस की प्रथम पंक्ति में रहकर कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाला था। इसके अलावा पुलिस की ईमानदार और जनमित्र छवि को भी दिवंगत नेगी ने अपने सेवाकाल के दौरान हमेशा बनाए रखा था।