शिमला (एमबीएम न्यूज) : शिमला में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों को एक बार फिर पर्यावरण शुल्क देना पड़ेगा। शिमला नगर निगम द्वारा ग्रीन टैक्स वसूलने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यद्यपि नगर निगम की वितीय कमेटी ने इस टैक्स को लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी तक इसका न तो कोई प्रारूप तैयार किया गया है और न ही कोई नीति बनाई गई है। यहां तक कि इस प्रस्ताव को अभी तक नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में भी नहीं लाया गया है। अब संभवतः 29 जुलाई को होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव पर फैसला किया जा सकता है।
नगर निगम के अत्यंत महत्वकांक्षी कर्ताधर्ताओं ने इस टैक्स का इतना प्रचार कर दिया है कि अब इसका डर लोगों को भी सताने लगा है, क्योंकि बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के पास में बाहरी राज्यों में पंजीकरण वाहनों के नंबर हैं। यदि इन पर भी टैक्स लगेगा, तो इससे पहले उनको राज्य में अपने वाहन पंजीकृत करवाने होंगे।
नगर निगम ने दो साल पहले भी मनाली की तर्ज पर शिमला प्रवेश करने वाली बाहरी राज्यों के वाहनों पर टैक्स वसूलना शुरू कर दिया था और प्रवेश द्वारों पर बैरियर भी स्थापित कर दिए थे। जिसकी मंजूरी राष्ट्रीय मार्ग प्राधिकरण से नहीं ली गई थी, जिसको बाद में अदालत ने रदद भी कर दिया था। जिससे टैक्स वसूलना बंद हो गया था।
अब यही स्थिति फिर पैदा हो सकती है। इससे पहले कि नगर निगम इस टैक्स की वसूली शुरू करे, राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण से मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी और राज्य सरकार द्वारा भी इस टैक्स की वसूली के लिए हरी झण्डी देनी पड़ेगी। ऐसा लगता है कि एक-दो माह बार शिमला में ग्रीन टैक्स की वसूली शुरू हो सकती है।