कुल्लू (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल विश्वविद्यालय की कारगुजारी के कारण एक टॉपर को प्रवेश से वंचित होना पड़ा है। केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला द्वारा जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा का आयोजन 26 जून 2016 को किया गया। जब प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ तो एनएमसी में सिमरन ठाकुर पुत्री उमेश ठाकुर सबसे अधिक अंक लेकर प्रथम रही।
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला ने सभी अभ्यर्थिर्यों से दसवीं, बारहवीं और स्नातक की ग्रेड सर्टिफिकेट की प्रतिलिपि स्कैन करके विश्वविद्यालय की मेल आईडी में भेजने को कहा। सिमरन ठाकुर ने भी अपने सारे – सारे सर्टिफिकेट विश्वविद्यालय को प्रेषित किये लेकिन मेरिट लिस्ट से नाम गायब पाया गया। जब परीक्षा नियंत्रक से संपर्क साधा तो बताया गया कि सिमरन के डिग्री ग्रेड कार्ड में सीजीपीए कमुलेटिव ग्रेड पवांइड एवरेज में ग्रेड नहीं लिखा गया है।
कबिलेजिक्र है कि सिमरन ठाकुर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुल्लू में भी टॉपर रही है। शिमला स्थित विश्वविद्यालय से संपर्क करने पर बताया गया कि एक विषय इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन का परिणाम नहीं जोड़ा जा सका, जिस कारण यह दिक्कत सामने आई। गौरतलब है कि इस विषय की परीक्षा 2014 में ली गई थी। बार-बार आग्रह करने पर संबंधित सेक्शन ने रिजल्ट जोड़ने का आश्वासन दिया था।
कबिलेजिक्र है कि सिमरन ठाकुर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुल्लू में भी टॉपर रही है। शिमला स्थित विश्वविद्यालय से संपर्क करने पर बताया गया कि एक विषय इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन का परिणाम नहीं जोड़ा जा सका, जिस कारण यह दिक्कत सामने आई। गौरतलब है कि इस विषय की परीक्षा 2014 में ली गई थी। बार-बार आग्रह करने पर संबंधित सेक्शन ने रिजल्ट जोड़ने का आश्वासन दिया था।
हिमाचल विश्वविद्यालय की इस कारगुजारी से सिमरन ठाकुर का एक साल बर्बाद हो जाने से अभिभावकों में भारी रोष है। सिमरन के पिता उमेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह तथा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य देवव्रत से इस मामले में सीधा हस्तक्षेप करने तथा इस प्रकरण में जिम्मेदार कर्मियों के ख़िलाफ़ विभागीय जांच बिठाने का आग्रह किया है ताकि इस प्रकार के अनुशासनहीन कर्मचारी अन्य प्रतिभाशाली छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न कर सकें।