हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : जिला के भोरंज उपमंडल के कड़ोहता गांव के जटू राम ने बंजर जमीन को जैविक खेती के सहारे सब्जियों से लकदक कर दिया है और हर रोज ताजी सब्जियां बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को और भी सुदृढ़ कर लिया है। कोई समय था जब इस क्षेत्र की जमीन को ज्यादा उपजाउ नहीं मानकर लोग सब्जियां उगाने की परिकल्पना भी नहीं कर सकते थे अब जट़टू के अथक प्रयासों और सब्जियां उगाने की कामयाबी के बाद धीरे-धीरे कड़ोहता के लोग सब्जियां उगाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
यही नहीं इसी गांव के बीटेक कर चुके एक युवक राकेश ने भी निजी क्षेत्र में नौकरी करने की बजाय ग्रीन हाउस स्थापित कर जटू की तर्ज पर सब्जियों की पैदावार में स्वरोजगार की संभावनाएं तलाशने का भी निर्णय लिया है। जट्टू ने डेढ़ कनाल भूमि में सब्जियां उगाकर तीन महीने में नब्बे हजार से भी ज्यादा की आमदन अर्जित की है। जट़टू राम ने बताया कि 2015 में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत होने के बाद बंजर पड़ी डेढ़ कनाल के करीब जमीन पर खेतीबाड़ी करने का निर्णय लिया तथा इस दौरान कृषि विभाग तथा सरकार की मदद से सब्सिडी पर पावर ट्रिल लिया गया जबकि उद्यान विभाग से बोरवेल के नब्बे हजार के करीब सब्सिडी दी गई जबकि मनरेगा के तहत जल संग्रहण टैंक का निर्माण किया गया क्योंकि इस क्षेत्र में सब्जियों के लिए पानी की अत्यंत आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि इसके पश्चात वर्मी कंपोस्ट यूनिट भी लगाया गया जिसमें कृषि विशेषज्ञों की पूरी मदद मिली। जट्टू ने बताया कि पिछले तीन महीनों में नब्बे हजार की सब्जियां बेच चुके हैं, इसमें पंडोल, घिया, करेला, कद्दू तथा भिंडी इत्यादि सब्जियां उगाई गई हैं जबकि इस पर उनकी केवल मात्र चार हजार की लागत आई है। जट्टू राम ने बताया कि वह जैविक खेती ही करते हैं तथा किसी तरह के पेस्टीसाइट का प्रयोग नहीं करते हैं, सब्जियों को बीमारियों से बचाने के लिए नीम के पत्तों को उबाल कर उसका छिड़काव करते हैं।
जटूटू राम ने बताया कि इस व्यवसाय में परिवार के अन्य लोग भी मदद करते हैं तथा सब्जियों को बेचने के लिए भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि लोग उनके खेतों में आकर ही अधिकांश सब्जियां खरीद लेते हैं तथा जैविक सब्जियों की डिमांड काफी बढ़ रही है। जट्टू राम ने बताया कि वह गांव के अन्य युवाओं को सब्जियां उगाने की प्रेरणा दे रहे हैं तथा सभी गांव वासियों को छोटे -छोटे स्तर पर सब्जियों की खेतीबाड़ी करने के लिए कहते हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाएं असमी हैं।
जट्टू राम ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर प्रोत्साहित करने और कृषि संबन्धी जानकारियां देने के कारण ही आज मैं सब्जी उत्पादन लाभ अर्जित कर रहा हूॅं। उन्होंने कहा कि किसानों को खेतों को खाली छोडऩे की बजाए, उनसे जुड़ कर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर खेतीबाड़ी की तरफ अपना रूख करना चाहिए। वह कहते हैं कि जब घर में ही काम करके आर्थिकी मजबूत हो जाए तो दूसरी जगह भटकने एवं गुलामी करने का क्या फायदा है।
उपनिदेशक कृषि अलबेल ठाकुर का कहना है कि सरकार की ओर से कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं आरंभ की गई हैं तथा कृषि विशेषज्ञ समय – समय पर किसानों को ग्रामीण स्तर पर आयोजित शिविरों के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं और इसी कड़ी में कड़ोहता के जट्टू राम ने भी डेढ़ साल में जैविक खेती में मिसाल कायम की है तथा अब इस क्षेत्र के लोग विशेषकर युवा भी सब्जी उत्पादन की तरफ अपना रूख कर रहे हैं।