शिमला, 23 दिसंबर : इन दिनों शिमला में क्रिसमस (Christmas) व नए साल को लेकर तैयारी जोरों पर है। पर्यटकों को लुभाने के लिए राजधानी शिमला को सजाया जा रहा है। इस बार पहली दफा शिमला में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विंटर कार्निवाल (winter carnival) का आयोजन भी किया जा रहा है। लेकिन इन सभी तैयारी के बीच…कुछ ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे शिमला की खूबसूरती पर कभी न मिटने वाला दाग लग सकता है। ये ऐसा दाग है, जिसकी भरपाई प्रशासन चाहकर भी नहीं कर सकता। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, चलिए आपको बताते हैं।
दरअसल, राजधानी शिमला में सजावट के लिए चारों तरफ लाइट लगाई जा रही है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि ऐतिहासिक रिज (Ridge) मैदान के समीप सैकड़ों साल पुराने ‘चिनार’ (Chinar) के पेड़ों के सीने में हजारों कील ठोंककर सजावट के इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। पहले तो इन पेड़ों के चारों और प्लास्टिक की तारों का जाल बुना गया, इसके बाद हरे भरे पेड़ों को कील ठोंककर जख्मी किया गया।
नगर निगम व प्रशासन की नाक के नीचे से इस काम को अंजाम दिया गया, लेकिन दोनों को इसकी कोई खबर नहीं। यदि खबर थी तो ऐसा क्यों होने दिया? रिज पर घूमने जा रहे हर शख्स की नजर इन पेड़ों को देखकर ठहर जाती है। सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी सजावट किस काम की।
रिज मैदान पर लगे ये पेड़ कई सालों से राजधानी की खूबसूरती को चार चांद लगा रहे हैं। गर्मियों में लोग इन पेड़ों की छांव में बैठकर सुकून महसूस करते हैं। सवाल यह भी है कि यदि इन किलों और प्लास्टिक के लगने से ये पेड़ सूख जाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। एक दिन की खूबसूरती हमेशा के लिए राजधानी शिमला की खूबसूरती पर ग्रहण लगा सकती है। हालांकि तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने इसे हटाने के निर्देश शनिवार शाम को जारी कर दिए थे।
चलिए, अब आपको बताते है कि पेड़ों पर कील ठोकना कितना खतरनाक….
पेड़ पर ठोंकी गई कील यदि छाल को भेद भीतरी भाग पर चुभे तो पेड़ के लाइव टिशू नष्ट हो जाते हैं। कील ठोंकने के दौरान अगर पेड़ों की छाल निकल जाती है, तो उससे जड़ों से तनों व पत्तियों में जाने वाला पानी ऊपर नहीं जा पाता। पेड़ों के लिए भोजन प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से पत्तियों में बनता है। यदि पेड़ों की छाल निकल जाती है तो पेड़ों के जायलम और फ्लोयम (xylem and phloem) नष्ट हो जाते हैं। जिससे पेड़ों का विकास रुक जाता है। साथ ही पेड़ सूख भी सकते हैं।
पेड़ों पर कील ठोंकना अपराध…..
पेड़ों पर कील आदि ठोंकना ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की तहत अपराध है। कील ठोकने वाले के विरुद्ध पांच हजार तक का जुर्माना हो सकता है। इतना ही नहीं, गलती दोहराए जाने पर 15 दिनों की सजा का भी प्रावधान है।
शिमला नगर निगम के पूर्व मेयर (Mayor) टिकेंद्र पंवर ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ने बाकायदा शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव गांधी को पत्र लिखकर इस बारे में अवगत करवाया है। साथ ही ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट (Highcourt) द्वारा भी आदेश जारी किए गए हैं कि कोई भी व्यक्ति पेड़ों पर कील नहीं लगा सकता। यह एक दंडनीय अपराध है।
उधर, जब इस बारे में शिमला नगर निगम के मेयर से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कॉन्ट्रेक्टर को बुलाकर कीलें निकालने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सजावट के लिहाज से लाइट्स लगाई है, पेड़ों को नुकसान पहुंचना उनका मकसद नहीं है।