शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बुधवार को आयोजित ईसी की बैठक से पूर्व माहौल तनाव पूर्ण था। ईसी की बैठक सुबह 11.00 बजे शुरू होनी थी। लेकिन इससे पहले ही एबीवीपी व एसएफआई दोनों ही छात्र संगठनों ने परिसर में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की। इना ही नही आक्रोशित छात्रों ने ईसी बैठक में हिस्सा लेने आने वाले सदस्यों का भी रास्ता रोका।
प्रशासन को पहले से ही छात्रों के हंगामे की आशंका थी, लिहाजा विवि परिसर में भारी तादाद में पुलिस जवान तैनात किए गए थे। एक-दूसरे के घुर विरोधी रहने वाले छात्र संगठन एसएफआई व एबीवीपी ने इस दौरान एकजुटता दिखाई और प्रशासन के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला।
दोनों छात्र संगठन रूसा प्रणाली को वापिस लेने, बढ़ी हुई फीस वृदि को कम करने तथा चुनावों की बहाली की मांग कर रहे थे। विवि में इन छात्र संगठनों का ऐसा प्रदर्शन पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले भी वे कई बार विवि के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। एसएफआई के कार्यकर्ता तो पिछले 105 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। दोनों संगठन विवि प्रशासन पर रूसा लागू कर छिात्रो के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया है।
एसएफआई के परिसर सचिव नोबल ठाकुर ने कुलपति पर तानाशाही के आरोप लगते हुए कहा कि प्रदेश मे रूसा प्रणाली लागू कर हजारों छात्रो के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। छात्रों को आधा अधूरा रिजल्ट दिया जा रहा है, जिससे उन्हें दाखिला नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना है कि एसएफआई के कार्यकर्ता पिछले लंबे समय से मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर छात्र बैठे हैं, लेकिन प्रशासन गहरी नींद में सोया है तथा उनकी मांगों को नजर अंदाज किया जा रहा है।
एबीवीपी के राज्य सचिव आशीष सिक्ता ने भी कुलपति पर छात्र संगठनों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
दूसरी तरफ कुलपति का कहना है कि प्रशासन छात्रों के मांगो के प्रति संवेदनशील है और चरणबद्ध तरीके से उनकी मांगो पर गौर किया जा रहा है। उनका कहना रहा कि छात्रों की कुछ मांगे बेवजह है जिनको लेकर वे आन्दोलन कर रहे है। कुलपति ने छात्र संगठनों की मांगे मानने से साफ इंकार करते हुए कहा कि न तो रूसा वापिस होगा, न ही फीस वृद्धि वापिस होगी ओर न ही छात्र संघ चुनाव बहाल होंगे।