चंबा, 30 नवंबर : जनपद के किसानों को दिसंबर माह के पहले सप्ताह में आलू का बीज उपलब्ध करवाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए उपनिदेशक कृषि डॉ. कुलदीप धीमान ने बताया कि दिसंबर और जनवरी माह में जिला चंबा के किसान अपने खेतों में आलू की बिजाई करते है। चंबा में रबी मौसम में लगभग 120 हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की खेती की जाती है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिला चंबा के लिए कुफरी ज्योति किस्म का 1750 क्विंटल आलू का बीज मंगाया गया है। हिमाचल सरकार द्वारा आलू के बीज का मूल्य भी तय कर दिया गया है। कृषि निदेशालय द्वारा जिला चंबा के लिए मांग के अनुसार आलू के बीज का आबंटन भी कर दिया है I दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में बीज कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों में उपलब्ध हो जाएगा। इस वर्ष बीज सभी किसानों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर 25% अनुदान पर दिया जाएगा।
कुलदीप धीमान ने बताया कि रबी मौसम में आलू की खेती मुख्यतः विकास खंड सलूणी, तीसा व चंबा में की जाती है। इन विकास खंडों के मुकाबले अन्य विकास खंडों में आलू की खेती के अंतर्गत क्षेत्रफल कम है। रबी मौसम में जिला चंबा के विकास खंड सलूणी में सबसे अधिक लगभग 80 हेक्टेयर क्षेत्रफल आलू की खेती की जाती है।
उन्होंने बताया कि 30 नवंबर को बारिश हो जाने के कारण खेतों में पर्याप्त नमी भी हो गई है। अब किसान आलू की बिजाई के लिए अपने खेत तैयार कर सकते हैं। खेतों की जुताई करते समय प्रति बीघा में 20 क्विंटल गली-सड़ी देसी खाद खेतों में डाल कर मिट्टी के साथ मिला देंI इसके साथ अधिक पैदावार लेने के लिए 20 किलोग्राम यूरिया, 40 किलोग्राम 12:32:16 तथा 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति बीघा की दर से डालें।
डॉ. धीमान ने बताया कि बिजाई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 2 फीट तथा कंद से कंद की दूरी 8 इंच रखें। इस प्रकार एक बीघा में आलू की बिजाई के लिए 2 क्विंटल बीज आलू की आवश्यकता होती है। खरपतवार नियंत्रण के लिए बिजाई के एक महीने बाद आलू के खेतों की गुड़ाई करें। यदि बीज आलू के अंकुरण से पहले खरपतवार अधिक उग जाए तो खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे करें।