सतीश शर्मा / नाहन: डा0 भीमराव अम्बेदकर जयंती आज पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाई जा रही है लेकिन नाहन का दलित समाज संविधान निर्माता के नाम पर अधूरी घोषणाआंे को लेकर नाराज नजर आया। करीब 10 साल पहले नाहन में डा0 भीमराव अम्बेदकर प्रवेश द्वार का शिलान्यास तत्कालीन राज्यपाल सूरज भान द्वारा किया गया था लेकिन आज तक यह कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसके अलावा डा0 भीमराव अम्बेदकर भवन में उद्घाटन के बाद से ही ताले लटके हुए है लिहाजा आज के दिन को दलित व अन्य वर्गो ने बाल्मीकि धर्मशाला में कार्यक्रम आयोजित कर मनाया। कांशीवाला में अम्बेदकर भवन होने के बावजूद भी आयोजकों को डा0 अम्बेदकर जंयती पर अन्य स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करने पडते है क्योंकि इस भवन के मात्र उद्घाटन के दिन ही खोला गया था। इस भवन में पानी, बिजली व चौकीदार इत्यादि की सुविधा न होने के कारण सरकार की निर्माण पर 10 लाख रूप्ये की राशि बर्बाद होती नजर आ रही है। बगैर इस्तेमाल के ही इस भवन के शीशे व दरवाजे भी टूटने शुरू हो चुके है।