हमीरपुर (एमबीएम न्यूज): कृषि तथा पशुपालन गतिविधियों में आधुनिक तकनीक का सही उपयोग किसी भी व्यक्ति की आर्थिकी को मजबूती प्रदान कर सकता है, हमीरपुर के दुलेड़ा गांव के 35 वर्षीय मनोज कुमार ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। अब पूरे प्रदेश में मनोज कुमार हाईटेक डेयरी फार्मिंग की मिसाल बन चुके हैं।
पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में इस युवा दूध उत्पादक ने डेयरी फार्मिंग के लिए आधुनिक उपकरण तथा दुधारू पशुओं की उचित देखभाल तथा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी फार्मिंग हाउस में स्थापित किए हैं। मनोज कुमार दूध उत्पादन से एक वर्ष में छह लाख से भी ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
यही नहीं मनोज कुमार ने दूध उत्पादन के साथ साथ करीब छह लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया गया है। इस युवा दूध उत्पादक से प्रेरणा लेकर गांव के अन्य लोगों ने भी अब दूध उत्पादन के व्यवसाय की तरफ अपना रूख किया है।
मनोज कुमार ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उनका परिवार अपनी घरेलू आवश्यकता के लिए दूधारू पशु पालन करता रहा है, लेकिन पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों के संपर्क में आने के बाद उन्होंने पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाया तथा धीरे-धीरे इसका विस्तार भी किया गया।
अब उनके पास करीब चौदह दुधारू पशु हैं तथा इस के लिए दो लोगों को पशुओं की देखभाल और निगरानी के लिए रखा गया है जबकि प्रति दिन डेढ क्विंटल दूध का उत्पादन हो रहा है तथा दूध के वितरण के लिए चार युवाओं को भी रोजगार दिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष ही उन्होंने फार्मिंग हाउस में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
इससे अब कहीं से भी इंटरनेट के जरिए पशुओं की निगरानी की जा सकती है और इससे यह भी जानकारी मिलती रहती है कि पशुओं को उचित समय पर चारा इत्यादि दिया जा रहा है या नहीं। इसके साथ ही दूध निकालने के लिए भी आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए आहार तैयार करने के लिए भी घर पर ही मशीनें लगाई गई हैं तथा पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों के मागदर्शन के आधार पर ही घर में पशुओं के लिए आहार तैयार किया जा रहा है, जो कि मार्केट से सस्ता पड़ता है और दूध उत्पादन में लागत भी कम आती है।
मनोज कुमार ने बताया कि हमीरपुर शहर में दूध की काफी डिमांड है तथा कहीं भी मार्केटिंग में कोई समस्या नहीं है। उनका कहना है कि दूध उत्पादन से प्रतिमाह 50 हजार रुपए से ज्यादा का मुनाफा हो रही है तथा अब इस व्यवसाय का विस्तार करने के लिए उन्होंने नादौन उपमंडल के धनेटा के नजदीक और भी जमीन खरीद दी है ताकि दूध उत्पादन को और भी बढ़ा सकें।
पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक अजमेर डोगरा ने बताया कि हमीरपुर जिला में दूध उत्पादन में स्वरोजगार के असीम संभावनाएं हैं तथा सरकार द्वारा भी इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए दूध गंगा योजना आरंभ की गई है, जिसमें दुधारू पशुओं की खरीद के लिए पच्चीस प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है इसके साथ पशु पालन के लिए बीमा योजना भी आरंभ की गई, जिसमें सरकार द्वारा 50 प्रतिशत प्रीमियम किसानों को दिया जा रहा है, ताकि पशुपालन को बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने बताया कि पशुपालन के लिए विभाग की ओर से विभिन्न स्तरों पर ट्रेनिंग कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही कम लागत में ज्यादा उत्पादन कैसे हो, इसके बारे में भी पशुपालकों को विस्तार से जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि हमीरपुर जिला में पांच हजार के करीब लोगों ने पशुपालन को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाया है।