नई दिल्ली/नाहन : एशियाई खेलों 2023 (asian games 2023) की महिला कबड्डी (women’s kabaddi) में भारत ने चीनी ताइपे को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया है। हिमाचल की बेटी रितु नेगी की कप्तानी में टीम ने ख़िताब पर कब्जा जमाया है। चूंकि ग्रुप मुकाबले में भारत व चीनी ताईपे पर का मैच ड्रॉ हुआ था, लिहाजा स्वर्ण पदक के दौड़ में शामिल टीमों के बीच एक दूसरे को रणनीति को तोड़ने के लिए खासी जद्दोजहद हुई। कड़े मुकाबले में भारत ने एक अंक के अंतर से चीनी ताइपे को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा कर लिया।
खास बात ये है कि कबड्डी में गोल्ड मिलने से भारत में एशियाई खेलों में 100 पदक का जादुई आंकड़ा भी हासिल कर लिया है। शनिवार सुबह महिला कबड्डी टीम ने एक रोमांचक फाइनल में चीनी ताइपे को 26-25 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। भारतीय महिला कबड्डी टीम ने फाइनल में ताइवान के खिलाफ बेहतरीन शुरुआत की। हाफ टाइम तक भारतीय टीम 14-9 से आगे थी, दूसरे हाफ में भी उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया और 26-25 से मुकाबला जीतकर गोल्ड अपने नाम किया। अंतिम समय तक दोनों ही टीमों के बीच रोचक भिड़ंत देखने को मिला। दूसरे हाफ में पुष्पा राणा ने भी शानदार प्रदर्शन किया।
बता दें कि नॉर्थ इंडिया (North India) के हिमाचल प्रदेश से इस बार पांच महिला खिलाड़ियों का चयन भारतीय महिला कबड्डी टीम में हुआ था, जिसमें रितु नेगी को कप्तानी हासिल हुई थी। सिरमौर से तीन खिलाड़ी चयनित हुए थे, जबकि एक-एक खिलाड़ी बिलासपुर व सोलन से टीम का हिस्सा बनी। भारत के गोल्ड मेडल जीतने के बाद हिमाचल खासकर सिरमौर में ख़ुशी की लहर है। सिरमौर की तीन खिलाडियों रितू नेगी, पुष्पा राणा व सुषमा के घरों में परिजन सुबह से ही फाइनल मैच का अपडेट ले रहे थे।
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यदि, महिलाओं की बात की जाए तो पहाड़ी प्रदेश से 90 के दशक में नाहन की सीता गोसाई भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनने में सफल हुई थी। रितु नेगी भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाली रितु हिमाचल की दूसरी महिला खिलाड़ी है। एशियाई खेलों 2023 में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने चीनी ताइपे से ग्रुप मैच में ड्रॉ खेल था।
इसी वजह से दबाव दोनों टीमों पर था। ग्रुप में भारत की टीम टॉप पर रही, दूसरे ग्रुप में दूसरे स्थान पर रही नेपाल की टीम से मुकाबला हुआ। सेमीफाइनल में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने नेपाल को एकतरफा मुकाबले में रौंद कर फाइनल में जगह बनाई। एशियाई खेलों में भारत, चीनी ताइपे व ईरान की टीमों को सबसे मजबूत माना जा रहा था।