नाहन,09 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में नाहन एकमात्र ऐसा जिला मुख्यालय होगा, जहां वोल्वो बस (volvo bus) की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालांकि लॉन्ग रूट( long route) की वोल्वो बस सेवा को हासिल करने के लिए 4 किलोमीटर दूर दो सड़का जाना पड़ता है,लेकिन आधी रात को यहां तक पहुंच पाना संभव नहीं होता है। वॉल्वो बस सुविधा को लेकर पूछे जाने वाले सवाल पर परिवहन प्रशासन द्वारा एक ही दलील दी जाती थी कि नाहन में वोल्वो बस चढ़ नहीं सकती, साथ ही मोड भी तीखे हैं।
शिमला-कालका हाईवे 2 अगस्त की सुबह से अवरुद्ध( blocked) पड़ा है इसके बाद से प्रदेश की राजधानी के लिए दिल्ली व अन्य बड़े शहरो की तमाम वॉल्वो व डीलक्स बसे वाया नाहन ही संचालित की जा रही है, ये ही नहीं 20 टायरों वाले सेब से लदे ट्राले भी साथ ही गुजर रहे है।
देहरादून व दिल्ली (Dehradun- Delhi) की तरफ से तमाम वोल्वो (Volvo) व डीलक्स बसों का संचालन शहर के बीचो-बीच से हो रहा है। मौजूदा स्थिति से ये प्रतीत होता है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की मंशा ही वॉल्वो चलाने की नहीं है, ये सही बात है कि मोहल्ला गोविंदगढ़ में चंद मीटर में दो हैवी वाहनों को गुजरने में दिक्कत आ सकती है। बस स्टैंड से सेवा के संचालन में गोविंदगढ़ (Govindgarh) से गुजरने की आवश्कयता ही नहीं है। यदि,शहरवासी भी ये तय कर ले कि मुख्य सड़क के किनारे वाहनों की अवैध पार्किंग नहीं करेंगे तो सोने पे सुहागा हो जायेगा।
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जानकर बताते है कि देहरादून से शिमला वाया नाहन वॉल्वो सेवा निगम के लिए जबरदस्त मुनाफे का सौदा भी साबित हो सकती है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक शहर के बीचो-बीच से रोजाना ( 24 घंटे) पांच से सात हजार वाहन गुजर रहे हैं, जिसमें 50 से 60 फीसदी भारी वाहनों के अलावा निगम की वोल्वो व डीलक्स बसें शामिल है। जानकार बताते हैं कि देहरादून से शिमला की नाहन से शार्ट दूरी है,इसी वजह से लोग इस रूट को पसंद करते है।
कुल मिलाकर सवाल यह उठता है कि बस स्टैंड पर वोल्वो बसें क्यों नहीं आ सकती। हिमाचल पथ परिवहन निगम भी यह सुविधा नाहन वासियों को देने के लिए दिलचस्पी नहीं लेता है। इसके पीछे असल वजह तो व्यावसायिक हो सकती है,लेकिन कोशिश करने पर मुनाफा भी कमाया जा सकता है। उधर,नाहन डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव बिष्ट से बात नहीं हो पाई है।