मंडी, 30 जुलाई : बिजली विभाग (electricity department) का पंडोह स्थित उप मंडलीय कार्यालय उपभोक्ताओं को मनमाने बिल देकर जोरदार करंट लगाने का काम कर रहा है। आलम यह है कि तीन महीने तक उपभोक्ताओं को 1 या 2 यूनिट खपत का बिल दिया जा रहा है। चौथे महीने सीधा 400 यूनिट का बिल थमाया जा रहा है। जब बिल दिया जा रहा है तो मीटर रीडिंग से ज्यादा का ही बिल बनाकर दिया जा रहा है।
इस बात का खुलासा मासड़ पंचायत के निवासी रि. ऑनरेरी कैप्टन डोले राम ने किया। उन्होंने बताया कि विभाग का कोई कर्मचारी घर पर नहीं आ रहा और बिल जो दिया जा रहा है वो रीडिंग के विपरीत है। इसको लेकर उन्होंने एसडीओ (SDO) पंडोह से लेकर सीएम (CM) हेल्पलाईन तक 6 शिकायतें की, लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई। शिकायतें करने के बाद भी विभाग अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। ठेकेदार के सिर पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, क्या ठेकेदार के गलत कार्यों की जबावदेही विभाग की नहीं बनती।
उपभोक्ता रणजीत सिंह ने बताया कि उन्हें विभाग ने अभी जो बिल दिया है उसमें लास्ट मीटर रीडिंग 9040 दर्शाई गई है, जबकि मीटर पर मौजूदा समय में मीटर रिडिंग 9013 है। जबकि यह बिल घर आकर नहीं बनाया गया है। उपभोक्ता प्रकाश चंद ने बताया कि विभाग के लोग एक ही जगह पर बैठकर बिल बना रहे हैं और घर तक जाने की ज़हमत नहीं उठा रहे जिस कारण ऐसा हो रहा है। रि. ऑनरेरी कैप्टन डोला राम ने एसडीओ कार्यालय पंडोह का सारा ऑडिट करवाने की मांग उठाई है। जब सरकार 125 यूनिट फ्री बिजली दे रही है तो विभाग इस तरह का गोलमाल क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
शिकायत पर कार्रवाई हो रही है, मैं खुद जाऊंगा मौके पर
वहीं, जब इस बारे में विद्युत विभाग पंडोह के एसडीओ जगदीश हीरा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में शिकायत प्राप्त हुई है और वे जांच भी करवा रहे हैं। यदि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो मैं स्वयं मौके पर जाकर इसकी जांच करूंगा। मीटर रीडिंग से ज्यादा बिल नहीं आने चाहिए, इस संदर्भ में जांच की जाएगी। हर महीने बिल बनाने वालों की ड्यूटी में बदलाव किया जाता है। संबंधित ठेकेदार से भी इसकी जानकारी मांगी गई है।