नाहन, 28 जुलाई : हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की मनाली (कुल्लू) से हरिद्वार जा रही “सुंदरनगर डिपो” की बस पांवटा साहिब के नजदीक उत्तराखंड (Uttrakhand) की सीमा में फ्लाइंग स्क्वाड (flying squad) द्वारा इंस्पेक्शन के लिए रोका गया था। इस दौरान खासा बवाल पैदा हो गया। वायरल हो रहे वीडियो में दलील दी गई है कि परिचालक टिकट काट ही रहा था, इसी दौरान फ्लाइंग ने दबिश दे दी।
चेकिंग टीम द्वारा कंडक्टर पर 295 रुपए का टांका (चोरी) का आरोप लगाया गया है। वायरल वीडियो में बस में बैठी सवारियां भी कह रही हैं कि परिचालक ने पैसे लिए ही नहीं है, वो टिकट काट रहे हैं। ये घटना 27 जुलाई की है। कंडक्टर ने ये भी दलील दी कि बस में सवारियों की संख्या काफी अधिक थी। पांवटा साहिब से रवाना होते ही फ्लाइंग ने बस को रोक लिया था।
वायरल हो रहे इस वीडियो के कैप्शन में ये भी तर्क दिया गया है कि परिचालक “दिनेश कुमार” पर 295 रुपए की रिपोर्ट बनाने के बाद खुद मौके से चेकिंग टीम नौ दो ग्यारह हो गई। धूप-बारिश में भी अपनी सेवाएं देने वालों को अगर इस तरह से मानसिक तौर पर परेशान किया जाएगा तो वो ड्यूटी कैसे करेंगे।
बता दें कि हाल ही में नाहन डिपो के दो परिचालक ईमानदारी की मिसाल को लेकर चर्चा में आए थे, जिन्होंने बस में यात्रियों द्वारा भूले गए सामान व नकदी को वापस लौटा दिया था।
बताया जा रहा है कि निगम की फ्लाइंग टीम परवाणु से जिप्सी (HP15B-3373) में आई थी। पांवटा साहिब बस स्टैंड से निकलकर जैसे ही बस उत्तराखंड की सीमा में दाखिल हुई, वैसे ही फ्लाइंग ने दबिश दे दी। बहरहाल, इस घटनाक्रम में सवाल ये उठता है कि कसूरवार कौन है। ये भी कन्फर्म है कि निगम द्वारा जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।
उधर, क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव बिष्ट ने कहा कि फ्लाइंग नाहन डिपो की नहीं थी। इसी बीच परवाणु के क्षेत्रीय प्रबंधक राम दयाल ने कहा कि निरीक्षक से मिली जानकारी के मुताबिक कंडक्टर ने तीन यात्रियों की टिकट नहीं बनाई थी। ये भी गलत है कि बस को तीन किलोमीटर की दूरी पर चैक किया गया। बस का निरीक्षण उत्तराखंड के धर्मा वाला में किया गया था। उन्होंने कहा कि विभागीय जांच की जाएगी।