नाहन/संगड़ाह, 28 जुलाई : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर (Sirmour) जिला के दुर्गम इलाकों में आम लोगों का जनजीवन नारकीय हो गया है। नेता प्रभावित इलाकों में जाकर फोटो सेशन कर रहे हैं, लेकिन धरातल की कड़वी सच्चाई अलग ही है। दनोई पुल (Danoi Bridge) से खूड़ द्राबिल मार्ग तकरीबन 2 सप्ताह से अवरुद्ध है।
शुक्रवार को धरातल की एक कड़वी सच्चाई उस समय सामने आई, जब जरग पंचायत के हलाइयां गांव के 29 वर्षीय चतर सिंह को कुर्सी पर उठाकर करीब 10 किलोमीटर दूर पैदल ही दनोई पुल तक पहुंचाया गया। एक सड़क हादसे में चतर सिंह को डिस्क प्रॉब्लम हो गई थी। परिजनों को शुक्रवार को उसे चंडीगढ़ लेकर जाना था, लेकिन सड़क अवरुद्ध होने की वजह से पैदल ही चलना पड़ा।
अहम बात यह है कि बारिश की वजह से पहाड़ी इलाकों की पगडंडियों का सफर भी जोखिमपूर्ण हो गया है, ऐसे में एक मरीज को कुर्सी पर बिठा कर खड़ी उतराई में नीचे की तरफ लाने में रिस्क का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क दनोई पुल से करीब 2 किलोमीटर आगे बंद है। इसके अलावा अंतिम स्टेशन तक सड़क पूरी तरह से क्लियर है। चंद घंटों में सड़क को बहाल किया जा सकता है, लेकिन नेताओं के अलावा विभाग सड़क बहाली को लेकर कोई रुचि नहीं ले रहा। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 5 घंटे पैदल सफर के बाद चतर सिंह को दनोई पुल तक पहुंचाया गया, इसके बाद चंडीगढ़ ले जाया गया।
आपको बता दें कि पिछले चंद रोज से मौसम भी विभाग का साथ दे रहा है। ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से मुख्य सड़कों पर ही खुद को केंद्रित किए हुए हैं, जबकि मुख्य सड़कों को बहाल करने के बाद अंदरूनी संपर्क मार्गों पर भी ध्यान केंद्रित कर सकता है। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि संगड़ाह उपमंडल जैसी स्थिति दूसरे इलाकों में भी है। अगर बात की जाए तो नाहन-बनोग-कौलावालाभूंड मार्ग को तीसरे दिन भी बहाल नहीं किया जा सका है। पुडला के नजदीक सड़क धंस गई थी और विभाग वैकल्पिक व्यवस्था करने में नाकाम हो रहा है।