शिमला, 24 जुलाई : यूजीसी रेगुलेशन 2018 की विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट जारी करने, करियर एडवांसमेंट योजना के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2010 के विकल्प की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाने एवं रिफ्रेशर तथा ओरियंटेशन कोर्स की छूट 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाने जैसी उच्च शिक्षा के शिक्षकों की लंबित समस्याओं का समाधान शीघ्र कर दिया जाएगा। यह आश्वासन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के साथ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता में दिया गया।
महासंघ के महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने बताया कि इन मांगों को लेकर महासंघ लंबे समय से केंद्र सरकार व यूजीसी पर निरंतर दबाव बनाए हुए था। महासंघ के प्रयासों के चलते अंततः इन समस्याओं का हल होने की स्थिति बनी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष विद्यालय एवं उच्च शिक्षा की विभिन्न लंबित समस्याओं पर विस्तार से वार्ता हुई। उच्च शिक्षा के यूजीसी संबंधी मुद्दों पर अलग से यूजीसी अध्यक्ष एवं जगदीश कुमार के साथ विस्तृत वार्ता हुई।
वार्ता में सभी स्तर के शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित प्रमुख विषयों में पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सातवें वेतनमान की सिफारिशों को सम्पूर्ण देश में समान रूप से लागू करने, शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति सुनिश्चित करने, सेवानिवृत्ति आयु एक समान रूप से 65 वर्ष करने, शिक्षकों को अशैक्षणिक कार्य से मुक्त करने, आधारभूत ढांचे हेतु पर्याप्त वित्तपोषण करने, शिक्षकों की समयबद्ध पदोन्नति सुनिश्चित करने, शिक्षा का व्यवसायीकरण रोकने, स्ववित्तपोषित संस्थाओं के शिक्षकों के नियुक्ति एवं समुचित वेतन आदि की सुरक्षा हेतु नियम बनाने, शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं देने आदि विषय शामिल थे ।
ये उठाए अहम मुद्दे
अतिरिक्त महामंत्री ( उच्च शिक्षा ) डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि उच्च शिक्षा से संबंधित चर्चा के अन्य विषयों में यूजीसी रेगुलेशन 2018 के प्रावधानों को एक समान रूप से लागू करने, पीएचडी के लिए सेवारत शिक्षकों को प्राथमिकता देने तथा कोर्स वर्क से छूट देने या ऑनलाइन करने, महाविद्यालय प्राचार्य का कार्यकाल सेवानिवृत्ति तक रखने, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग की व्यवस्था करने, यूजीसी जेआरएफ स्कॉलरशिप बढ़ाकर डीएसटी स्कॉलरशिप के बराबर करने प्रमुख रूप से शामिल थे।