शिमला/नाहन 23 जुलाई : हिमाचल प्रदेश के जिलों की चाइल्ड लाइन (Childline) टीम ने रविवार को डेलिगेशन (Delegation) ने राजधानी का रुख किया। इसका उद्देश्य सीएम (CM) सुखविंदर सिंह सुक्खू और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव एम सुधा देवी को समस्या से अवगत करवाया। पहले प्रतिनिधिमंडल ने सीएम आवास ओक ओवर (Oak over) में मुख्यमंत्री से भेंट की।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अक्सर ही चाइल्ड लाइन के माध्यम से समाज में मासूम बच्चों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आती है। मासूम बेटियों को अपनों ही द्वारा दिए गए जख्मो पर चाइल्ड लाइन ही मलहम लगाती है। सीएम को बताया गया कि चाइल्ड लाइन 1098 सेवा पहले केंद्र सरकार एनजीओ (NGO) के माध्यम से चला रही थी, 31 अगस्त के बाद यह सेवा राज्य सरकार द्वारा चलाई जाएगी जिसमें इतने सालों से काम कर रहे अनुभवी कर्मचारियों को अपने और अपने परिवार के भविष्य की चिंता सताने लगी है, क्योंकि 31 अगस्त को सेवा समाप्ति हेतु पत्र सभी जिलों की टीम को प्राप्त हो चुके हैं।
चाइल्ड हेल्पलाइन (Child helpline) ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इतने वर्षो से काम कर रही अनुभवी टीम को 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा में अधिग्रहण किया जाए। इसके बाद टीम द्वारा सचिवालय का दौरा किया गया जहां पर सचिव एम सुधा देवी से बात की गई और फाइल सौंपी गई।
इस दौरान सिरमौर चाइल्ड लाइन से काउंसलर (Counselor) राजेंद्र भी डेलिगेशन में मौजूद रहे। टीम द्वारा सरकार को अवगत करवाया गया कि प्रोजेक्ट में वेतन संबंधित समस्याएं भी आती रहती हैं। ग्रांट आने में 8 महीने से भी ज्यादा का समय लग जाता है, फिर भी टीम निरंतर सेवाएं देती रही है। टीम द्वारा बताया गया कि उनके परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कहा कि उनकी मांगों को यदि जल्द पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।