शिमला, 20 जुलाई : बरसात में हरियाणा (Haryana) व दिल्ली (Delhi) में तबाही मचाने वाली यमुना नदी (Yamuna River) पर हरियाणा शीघ्र हथिनी कुंड (Hathini Kund) बैराज से लगभग आधा किलोमीटर पीछे एक बांध बनाने की तैयारी कर रहा है। फ़िलहाल हरियाणा सरकार हिमाचल सरकार (Government of Himachal) से मिलकर यह प्रस्तावित बांध बनाना चाहती है। अप-स्ट्रीम शैली में बनाए जाने वाले इस बांध के प्रस्तावित स्थल का सर्वे किया जा चूका है।
गौरतलब है कि यमुना नदी में साल भर इतना ज्यादा पानी नहीं होता, क्योंकि उत्तराखंड में कई बिजली परियोजनाओं के चलते इसका पानी वहीं रुक जाता है। जिनमें आसन बैराज और डाकपत्थर में लाखों क्यूसेक पानी जमा हो जाता है। मगर बरसात में यमुना नदी में जलस्तर इतना अधिक बढ़ जाता है कि इसको रोकने के लिए ताजेवाला बांध और हथिनी कुंड बैराज नाकाफी साबित होते हैं।
यमुनानगर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में हिमाचल सरकार यदि इस पर सहमत हो गई तो हरियाणा और हिमाचल मिलकर एमओयू साइन करने की तैयारी में है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं। जल्द ही हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ वह इस मामले पर चर्चा करेंगे। इस बांध के बनने से दोनों राज्यों को काफी फायदा होगा। जहां इसके निर्माण से सिंचाई सुविधा हरियाणा को मिलेगी वहीं जलस्तर में सुधार और बाढ़ का पानी दिल्ली, यूपी व प्रदेश के अन्य जिलों में तबाही नहीं मचा पाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार इसे बजट में भी शामिल कर चुकी है। बरसाती पानी को बांध बनने के बाद बिजली उत्पादन व सिंचाई के लिए बरता जाएगा। सर्वे के बाद हरियाणा सरकार के अधिकारी सीएम मनहोर लाल खट्टर को इस परियोजना की प्रस्तुति भी दे चुके हैं।
फ़िलहाल अभी तक इस मामले में हिमाचल सरकार ने हरियाणा द्वारा मांगी गई एनओसी रिलीज नहीं की है। सहमति मिलते ही इस परियोजना पर काम शुरू हो सकता है। हथिनी कुंड बैराज से 7 किलोमीटर ऊपर वाटर स्टोरेज डेम बनाने की भी योजना है। अभी तक यमुना नदी पर कोई भी स्टोरेज डेम नहीं है। इससे बरसात के मौसम में हरियाणा के 3 जिलों के अलावा दिल्ली व यूपी के कुछ जिलों में बरसात की तबाही पूर्णता रुक जायेगी। वहीं पहले से बनी नहरों में सिल्ट, पत्थर व जंगल से आने वाली लकड़ी नहर को नुक्सान नहीं पहुंचाएगी। हरियाणा सरकार लगातार हिमाचल सरकार से इस बारे में पत्राचार कर रही है।