शिमला, 09 जुलाई : मानसूनी वर्षा ने शिमला जिला में कहर बरपा दिया है। वर्षा की वजह से जगह-जगह भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। रविवार को ठियोग में भूस्खलन से एक मकान ध्वस्त हो गया। इस घटना में मां व बेटे की मौत हो गई।
हादसा रविवार दोपहर बाद 4 बजे ठियोग उपमंडल के ग्राम पंचायत धमान्दरी के अन्तर्गत गांव मझौली बागडा में हुआ। मृतक की पहचान 50 वर्षीय कांता देवी व उसके बेटे संजीव (30) के रूप में हुई है। ठियोग पुलिस ने हादसे की पुष्टि की है। बचाव व राहत कार्यों में जुटी टीमों ने करीब 3 घंटे बाद मृतकों को मलबे से बाहर निकाला। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवार को 50 हज़ार रुपये राहत राशि के तौर पर जारी किए गए हैं।
बता दें कि रविवार को न्यू शिमला के समीप रझाणा गांव में पहाड़ी से एक मकान पर भारी-भरकम मलबा गिर गया। इससे मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ। मकान में रह रहे एक युवती और उसकी बुजुर्ग दादी मलबे में दब गई। बचाव टीमों ने युवती को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। मृतक युवती की पहचान पारुल (23) के रूप में हुई है। जबकि बुजुर्ग महिला नानकी (75) अभी भी मलबे में दबी है। उसे निकालने के लिए बचाव दल भरसक प्रयास कर रहे हैं।
इससे पहले बीती देर रात शिमला जिला के कोटगढ़ में एक मकान के धराशायी होने से दम्पति और उनके 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। जबकि परिवार के दो अन्य सदस्य चोटिल हुए। राज्य में 24 जून को मानसून के आगमन के बाद से बारिश से जुड़ी आपदाएं सामने आ रही हैं।
राज्य में अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 54 लोगों की मौत हो गई और 92 घायल हो गए, जबकि चार लापता हैं। 354 मवेशी भी इस दौरान मारे गए हैं। इसके अलावा 46 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए, जबकि 108 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।