शिमला, 9 जुलाई : हिमाचल में मानसून इस बार जमकर कहर बरपा रहा है। शनिवार से जारी बारिश ने समूचे प्रदेश में जमकर तबाही मचाई है। अलग-अलग स्थानों से जानमाल के नुकसान की खबरें आ रही हैं। कुदरत के कहर से सरकारी संपत्ति के साथ निजी संपत्तियों को खासा नुकसान पहुंचा है।
जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें बाधित हो रही हैं तो कई जगह सड़कों ने नदियों का रूप ले लिया है। कहना मुश्किल है कि सड़क में नदी है या नदी में सड़क। चार पहिया वाहन नदियों में नाव की तरह बहते नजर आ रहे हैं। हर तरफ से तबाही के मंजर की तस्वीरें सामने आ रही हैं। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे तक भी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई 11 बड़ी खबरें संक्षेप में…
1. हिमाचल में 24 घंटे में बारिश के कारण 6 लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि एक लापता है। एक महिला को घायल अवस्था में आईजीएमसी में दाखिल करवाया गया है। शिमला जिले की कुमारसैन तहसील में भूस्खलन की घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हो गई। इसमें एक 11 साल का बच्चा भी शामिल है। देर शाम न्यू शिमला में लैंडस्लाइड घटना में एक युवती की मौत हो गई। कुल्लू व चम्बा में 1-1 मौत की सूचना है।
2. शिमला के फागली में भारी भरकम पेड़ गिर गया इसकी चपेट में एक कार आ गई, जिसमें एक नन्हे बच्चे सहित दो लोग मौजूद थे। दोनों के सुरक्षित बचने की सूचना है। वहीं खलिनी में रविवार देर दोपहर अचानक भूस्खलन के कारण एक महिला मलबे की चपेट में आ गई। घायल अवस्था में महिला को आईजीएमसी में दाखिल करवाया गया है।
न्यू शिमला में एक भवन पर भारी भरकम मलबा व पेड़ गिर गया। युवती व बुजुर्ग महिला मलबे में दब गई। युवती की आईजीएमसी ले जाते वक्त मौत हो गई। बुजुर्ग महिला के मलबे में ही दबे होने की खबर थी।
3. कुल्लू में व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से छरुडू गांव में 9 लोग फंस गए। एनडीआरएफ की टीम ने रस्सियों की मदद से 9 को रेस्क्यू कर लिया। अखाड़ा बाजार के टापू पुल के पास से 5 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। भुंतर के बाजार में ब्यास नदी का पानी घुस जाने के कारण अफरा-तफरी हो गई। पुलिस ने तत्काल ही ट्रैफिक रोक दिया।
मनाली में चार दुकानें जलमग्न हो गई। देर शाम भी व्यास नदी उफान पर रही। कुल्लू मुख्यालय के समीप ब्यास नदी के किनारे एक बस्ती पूरी तरह से जलमग्न हो गई। इससे पहले ही प्रशासन लंका वेकर में तकरीबन 300 लोगों को रेस्क्यू कर लिया था। रेस्क्यू किए गए लोगों को कॉलेज बिल्डिंग में रखा गया है।
मणिकर्ण घाटी में नाले में आई बाढ़ के पानी ने करीब दो दर्जन कारों को चपेट में ले लिया। लोगो ने कारों को छोड़कर भाग कर जान बचाई। पुलगा नाला में बाढ़ ने रौद्र रूप धारण कर लिया।
4. मंडी जिला में व्यास नदी ने रौद्र रूप ले लिया है। पंडोह का आधा बाजार जलमग्न हो गया। बाजार में 6 लोग घरों में फंस गए। एसडीआरएफ की टीम ने उन्हें सुरक्षित निकाला। चंडीगढ़-मनाली हाईवे भी बाधित हुआ। पंडोह डैम से डेढ़ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
#EXCLUSIVE : हिमाचल में बारिश के खौफनाक मंजर, देखे, 14 बड़ी खबरे
शाम होते-होते मंडी में तबाही का मंजर डराने वाला था। थुनाग के बाजार में पानी का सैलाब खौफनाक था। मलबे के साथ पानी के तेज बहाव में बड़ी मात्रा में स्लीपर बहते हुए नजर आए। हालांकि , पिछले साल भी थुनाग में ऐसा मंजर सामने आया था, लेकिन इस बार बाढ़ के हालात और खराब थे। औट पुुल ढह गया। लाल पुल के नाम से मशहूर पंडोह-शिवाबदार पुल भी ब्यास नदी की भेंट चढ़ गया। पड्डल से मंडी को जोड़ने वाला फुट ब्रिज भी ध्वस्त हो गया।
5. सिरमौर में उत्तराखंड की सीमा पर यमुना नदी भी उफान पर है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। मारकंडा, बाता व गिरि नदियों में भी जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने की चेतावनी दी है। चीड़ का पेड़ गिरने के कारण कुम्हारहट्टी-नाहन हाईवे बाधित रहा। वहीं शिलाई हाईवे भी भूस्खल के कारण अवरुद्ध है।
6. सोलन की लावी घाटी में चट्टान टूटने की वजह से एक विशालकाय बोल्डर घर की छत पर आकर रुक गया। इससे आसपास के घरों को खतरा बना हुआ है। जिला में भूस्खलन के कारण एक ऑटो व कारों के क्षतिग्रस्त होने की भी जानकारी है। कालका हाईवे पर सोलन के धर्मपुर के समीप लैंडस्लाइड में एक कार मलबे की चपेट में आने से बाल- बाल बची। ये कार विशालकाय पत्थर को छूती हुई निकल गई। कसौली उपमंडल में बारिश ने खासा कहर बरपाया है।
7. चंबा के डीसी अपूर्व देवगन ने बताया जिला में भारी बारिश से लगभग 125 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इसी तरह 301 विद्युत ट्रांसफार्मर और 61 पेयजल योजनाएं भारी बारिश की वजह से प्रभावित हुई हैं।
8. मौसम का असर रेलवे लाईन पर भी देखने को मिला। दिल्ली से ऊना को जोड़ने वाली वंदे भारत व हिमाचल एक्सप्रेस सहित आठ ट्रेनें दो दिन से प्रभावित हैं। जलभराव के कारण ट्रेनों को रद्द किया गया हैं। साबरमती, दिल्ली, सहारनपुर व अंबाला से ऊना को आने वाली ट्रेनों को चंडीगढ़ से चलाया जा रहा हैं।
9. बिलासपुर में विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी को जोड़ने वाला नंगल मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गया। भांखड़ा नंगल डैम की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं को आनंदपुर साहब की तरफ से भेजा गया। लोक निर्माण विभाग ने सड़क को बहाल करने में खासी मुस्तैदी दिखाई।
10. बारिश ने प्रदेश में कहर बरपाया है तो वहीं जुलाई के महीने में लोसर में हुई बर्फबारी ने हैरान भी किया। ये अलग बात है कि मानसूल स्पेल में बर्फबारी को विशेषज्ञ सही नहीं मानते। 11. रविवार को बारिश के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल सरकार ने 10 व 11 जुलाई को शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का निर्णय लिया है।
11. कांगड़ा में भी बारिश ने खासी तबाही मचाई है। प्रशासन ने राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के अवकाश को रद्द कर दिया है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत चक्की पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। रक्कड़ तहसील में व्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण कालीनाथ कालेश्वर मंदिर को खाली करवा लिया गया है। कुल मिलाकर मानसून ने सिरमौर , उत्तराखंड व चंबा में जम्मू-कश्मीर की सीमाओं तक रौद्र रूप दिखाया है। तिब्बत सीमा तक भी बारिश का असर देखने को मिला है।
12. कुल्लू में व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से छरुडू गांव में 9 लोग फंस गए। एनडीआरएफ की टीम ने रस्सियों की मदद से 9 को रेस्क्यू कर लिया। अखाड़ा बाजार के टापू पुल के पास से 5 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। भुंतर के बाजार में ब्यास नदी का पानी घुस जाने के कारण अफरा-तफरी हो गई। पुलिस ने तत्काल ही ट्रैफिक रोक दिया।
मनाली में चार दुकानें जलमग्न हो गई। देर शाम भी व्यास नदी उफान पर रही। कुल्लू मुख्यालय के समीप ब्यास नदी के किनारे एक बस्ती पूरी तरह से जलमग्न हो गई। इससे पहले ही प्रशासन लंका वेकर में तकरीबन 300 लोगों को रेस्क्यू कर लिया था। रेस्क्यू किए गए लोगों को कॉलेज बिल्डिंग में रखा गया है।
13. शाम होते-होते मंडी में तबाही का मंजर डराने वाला था। थुनाग के बाजार में पानी का सैलाब खौफनाक था। मलबे के साथ पानी के तेज बहाव में बड़ी मात्रा में स्लीपर बहते हुए नजर आए। हालंाकि, पिछले साल भी थुनाग में ऐसा मंजर सामने आया था, लेकिन इस बार बाढ़ के हालात और खराब थे। औट पुुल ढह गया। लाल पुल के नाम से मशहूर पंडोह-शिवाबदार पुल भी ब्यास नदी की भेंट चढ़ गया। पड्डल से मंडी को जोड़ने वाला फुट ब्रिज भी ध्वस्त हो गया।
पहाड़ी प्रदेश में बारिश के कहर से जुड़े ऐसे वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जिनका मॉनसून की मौजूदा अवधि से कोई लेना देना नहीं है।