शिमला, 26 जून : हिमाचल (himachal pradesh) में मंत्रिमंडल (cabinet) विस्तार को लेकर इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 2 सप्ताह से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) दिल्ली जाकर कई बार कांग्रेस (Congress) पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से इस बारे चर्चा कर आए हैं।
फिलहाल मंत्रिमंडल में मंत्रियों के 3 पद खाली हैं। वहीं अभी तक विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी खाली पड़ा है। इसके अलावा महत्वपूर्ण योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष समेत कई बोर्ड व निगमों में भी ताजपोशी की बाट जोह रहे कांग्रेसी विधायक व नेता निराश हैं।
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विधानसभा में मुख्य सचेतक व उप सचेतक भी नियुक्त नहीं किए गए। जहां तक मंत्रिमंडल का प्रश्न है तो वहां बिलासपुर जिला के घुमारवीं के विधायक राजेश धर्माणी का मंत्रिमंडल में आना लगभग-लगभग तय है। उनके अलावा कांगड़ा से यादवेंद्र गोमा भी मंत्रिमंडल में स्थान पा सकते हैं। क्योंकि गोमा अनुसूचित जाति से आते हैं।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (National President Mallikarjun Kharge) गोमा को मंत्री बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू को स्पष्ट आदेश दे चुके हैं। अब बचे एक पद के लिए धर्मशाला से पूर्व मंत्री व विधायक सुधीर शर्मा और सुजानपुर से कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा में जंग चल रही है। क्योंकि राणा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आते हैं। इसलिए उनकी राह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) रोड़ा बन रहे हैं। इन दोनों का ताल्लुक भी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से है। वहीं कांगड़ा से राजपूत नेता भवानी सिंह पठानिया के समर्थक भी अब उनके लिए लॉबिंग करने में जुटे हैं।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुधीर शर्मा को केंद्र के कई नेता नहीं चाहते कि वह मंत्रिमंडल में शामिल हो। अब देखना है कि अभी तक चुनौतियों से पार पाते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू आगे निकले हैं। इस मुद्दे को भी बिना किसी विवाद से हल कर सकेंगे। नए मंत्रिमंडल के विस्तार में कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। कुछ नॉन परफोर्मिंग मंत्रियों से महत्वपूर्ण विभाग भी वापस लिए जा सकते हैं। देखना होगा कि अब ऊंट किस करवट बैठता है।