मंडी, 26 जून : स्किल आधारित कार्यों की सोच और शुरुआत देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान हुई थी। यह बात उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को आईआईटी मंडी में जी20-एस20 के दौरान स्किल इंडिया थीम पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि स्किल आधारित कार्य कोई नई बात नहीं है और बहुत वर्षों से इसकी बात चल रही है। स्किल पर बात करना और उसका बखान करना दोनों अलग बातें हैं। स्किल आधारित कार्यों को धरातल पर उतारना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। स्किल कार्यों को आम जीवन में ढाल कर प्रदेश में बेरोजगारी को भी कम किया जा सकता है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंडी में आईआईटी की स्थापना होना एक गर्व का विषय है। आईआईटी द्वारा कृषि, वानिकी, बागवानी और अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे कार्य प्रदेश की प्रगति में सहायक हैं। आईआईटी मंडी में खुलने से पहले अन्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से एक्सपर्ट्स को बुलाया जाता था। लेकिन अब आईआईटी के मंडी में खुलने से सरकार और संस्थान द्वारा परस्पर सहयोग से कार्य किया जाएगा। इसके तहत स्किल आधारित कार्यों को आमजन, बेरोजगारों और शिक्षित लोगों तहत पहुंचाने के लिए किया जाएगा। इससे स्किल आधारित कार्यों का उनके रोजगार का कारण और साधन भी बनाया जा सके।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान में खिलौने और फर्नीचर तक चीन से आ रहे हैं। हालत यह है कि हिमाचल सेब बहुल क्षेत्र होने के कारण अब भी सेब बाहरी देशों से आने शुरू हो गए हैं। स्किल कार्यों से नई तकनीक के माध्यम से जीवन को बदला जा सकता है। इसमें रोबोटिक टेक्निक के माध्यम से कार्यों को किया जा सकता है। नई तकनीकों को ईजाद करने के लिए कार्य तो किया जा रहा है, लेकिन इन तकनीकों को अभी तक जीवन में ढाला नहीं जा सका है। इन तकनीकों के माध्यम से प्रदेश को भी लाभ पहुंचाया जा सकता है। इसको लेकर सरकार और आईआईटी मंडी द्वारा रोडमैप तैयार करना है।