नाहन – मध्यस्थता के माध्यम से निपटाए गए विवाद एवं झगड़ों से जहां व्यक्ति को समयबद्ध न्याय भी मिलता है वहीं पर समय व धन की भी बचत होती है। यह विचार जिला एवं सत्र न्यायधीश सिरमौर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आ0के0 वर्मा ने न्यायालय परिसर के सभागार में मध्यस्थता जागरूकता पर आयोजित एक दिवसीय शिविर के अवसर पर उपस्थित अधिवक्ताओं एवं वादी.प्रतिवादियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने महाभारत कालीन युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि श्री कृष्ण द्वारा कौरवों व पांडवों के मध्य सामंजस्य बिठाने के लिए मध्यस्थता का कार्य किया परन्तु दोनों पक्षों द्वारा उनकी राय पर गौर न देकर युद्ध करने का फैसला किया था जिससे दोनों पक्षों का काफी नुकसान उठाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि आदिकाल से लेकर इस प्रकार के अनेक ऐसे उदाहरण हैं जिनमें मध्यस्थता द्वारा किए गए समझौते को दरकिनार करके अपना नुक्सान किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मध्यस्थता का महत्व बहुत बढ़ गया है तथा मुनष्य की औसतन आयु 50 से 60 वर्ष आंकी गई है जिसमें से यदि अधिकांश समय मनुष्य अदालती मामलों में रहकर नष्ट कर देता है तो उसके जीवन के सारे लक्ष्य अधूरे रह जाते हैं और पूरा जीवन तनाव में ही व्यतीत होता है। उन्होंने कहा कि असंख्य छोटे-छोटे मामले लोगों द्वारा अदालतों में प्रस्तुत किए जाते है जिन्हें मध्यस्थता के माध्यम से घर पर सुलझाया जा सकता है। वर्मा ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लोगों को अपने विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने बारे जागरूक करना अनिवार्य बन गया है क्योंकि 60 प्रतिशत मुकदमें छोटे-छोटी गल्त फहमियों के कारण दायर हो जाते हैं जिससे दोनों पक्षों के मध्यम कड़वाहट की प्रतिशतता बढ़ जाती है जिसका प्रतिकूल असर परिवार एवं युवा पीढ़ी पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रायरू पती-पत्नी के मध्य हुए छुट-पुट विवाद परिवार को टूटने के कगार पर पहुंचा देते ह और ऐसी स्थिति में बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा मध्यस्थता से ऐसे मामलों को सुलझा देना चाहिए। अध्यक्ष ने अधिवक्ताओं, वादी-प्रतिवादीयों से अपील की है कि मध्यस्थता से सुलझाए जाने वाले मामलों को निपटाने में अपना रचनात्मक सहयोग दें ताकि दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण समन्वय भी स्थापित हो सके और अदालतों में लबिंत मामलों का तुरन्त निपटारा भी हो सके। इस अवसर पर जेएमआईसी नेहा कायस्थ, जिला न्यायवादी, वरिष्ठ अधिवक्ता के अतिरिक्त विभिन्न मामलों से जुडे वादी एवं प्रतिवादी भी उपस्थित थे।
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